Manipur: मणिपुर हिंसा पर SC में हुई सुनवाई, केस गुवाहाटी में चलेगा, मामले की सुनवाई ऑनलाइन मोड में होगी
मणिपुर हिंसा मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आदेश दिया है कि मणिपुर की कोर्ट में दूरी और सुरक्षा दोनों मुद्दों को ध्यान में रखते हुए हिंसा में आरोपी की पेशी रिमांड न्यायिक हिरासत हिरासत के विस्तार और अन्य कार्यवाही के लिए सभी आवेदन ऑनलाइन मोड में आयोजित होंगे। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि मणिपुर में न्यायिक हिरासत की अनुमति दी जाएगी।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 12:09 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। मणिपुर हिंसा मामले पर शुक्रवार (25 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि मणिपुर की कोर्ट में दूरी और सुरक्षा दोनों मुद्दों को ध्यान में रखते हुए हिंसा में आरोपी की पेशी, रिमांड, न्यायिक हिरासत, हिरासत के विस्तार और अन्य कार्यवाही के लिए सभी आवेदन ऑनलाइन मोड में आयोजित होंगे। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि मणिपुर में न्यायिक हिरासत की अनुमति दी जाएगी।
सीबीआई को ट्रांसफर हुए केस गुवाहाटी में चलेंगे
इसके अलावा शीर्ष कोर्ट ने कहा, "सीबीआई को ट्रांसफर हुए मणिपुर हिंसा मामलों का केस असम की राजधानी गुवाहाटी में चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से एक या एक से अधिक जजों को ज़िम्मा सौंपने कहा है। मामले की सुनवाई ऑनलाइन मोड में होगी।" कोर्ट ने कहा कि सभी आरोपी मणिपुर की जेल में ही रहेंगे और गवाहों के CrPC 164 बयान मणिपुर के मजिस्ट्रेट दर्ज करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस को गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए एक या एक से अधिक मजिस्ट्रेट नामित करने का निर्देश दिया।Manipur violence | Supreme Court orders that all applications for the production of accused, remand, judicial custody, extension of custody and other proceedings are allowed to be conducted in the online mode bearing in mind both distance and security issues at the courts in…
— ANI (@ANI) August 25, 2023
बेहतर इंटरनेट सेवा दे सरकार
सुप्रीम कोर्ट मणिपुर सरकार को गौहाटी कोर्ट में ऑनलाइन मोड के माध्यम से सीबीआई मामलों की सुनवाई की सुविधा के लिए बेहतर इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का निर्देश दिया। शीर्ष कोर्ट ने 21 अगस्त को मणिपुर में जातीय हिंसा के पीड़ितों के राहत और पुनर्वास की निगरानी के लिए जस्टिस गीता मित्तल समिति की नियुक्ति की थी।
कुकी समुदाय के वकील कॉलिन गोंसाल्वेस की मांग?
कुकी समुदाय पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्वेस पेश हुए। गोंसाल्वेस ने कोर्ट में ट्रायल को असम ट्रांसफर करने का विरोध किया और कहा कि ट्रायल चुराचांदपुर में चलना चाहिए क्योंकि पीड़ित हिल्स से हैं और उन्हें मुकदमे के लिए दूसरे राज्य में जाने की जरूरत नहीं होगी।
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "घाटी और पहाड़ी दोनों जगहों पर लोग पीड़ित हैं। जो लोग घाटी में पीड़ित हुए हैं उनके लिए पहाड़ी की यात्रा करना और दूसरी तरफ जाना मुश्किल होगा। हम इसमें नहीं जा सकते कि किसे अधिक नुकसान हुआ, दोनों समुदायों में ही पीड़ित हैं।