'तीन नए क्रिमिनल लॉ को रोक लें...', 1 जुलाई से लागू होने वाले कानूनों के लिए कांग्रेस ने क्यों कही ये बात? बताया क्या है कमी
तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। दरअसल कांग्रेस का दावा है कि तीनों कानूनों का क्रियान्वयन भारत की न्याय व्यवस्था में बाधा डालने के समान होगा। कांग्रेस नेता ने मांग की कि तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जानी चाहिए क्योंकि इनमें शामिल कुछ प्रावधान नागरिक स्वतंत्रता पर व्यापक हमला हैं।
एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने रविवार को तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर निशाना साधा। उन्होंने तर्क दिया कि यह कानून उस समय पारित किया गया जब रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित कर दिया गया था और यह संसद के 'सामूहिक विवेक' को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
तिवारी ने कानून मंत्री मेघवाल पर 'सच्चाई से कंजूसी' करने का आरोप लगाया और कहा कि तीनों कानूनों का क्रियान्वयन भारत की न्याय व्यवस्था में 'बाधा डालने के समान' होगा। कांग्रेस नेता ने मांग की कि तीनों कानूनों के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जानी चाहिए, क्योंकि इनमें शामिल कुछ प्रावधान 'नागरिक स्वतंत्रता पर व्यापक हमला' हैं।
The Law Minister @arjunrammeghwal is being economical with the truth .
The three new Criminal Laws were arbitrarily passed in Parliament after suspending a record 146 MP’s belonging to the opposition.
These three Laws therefore reflect the will of only a section of Parliament…— Manish Tewari (@ManishTewari) June 17, 2024
कब बढ़ा विवाद
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री मेघवाल ने रविवार को कहा कि नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे। इससे पहले मेघवाल ने कहा था कि आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में बदलाव हो रहा है। उचित परामर्श प्रक्रिया का पालन करने और भारतीय विधि आयोग की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए तीनों कानूनों में बदलाव किया गया है।
कौन-कौन से है आपराधिक कानून?
तीन आपराधिक कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - पिछले वर्ष संसद में पारित किए गए थे, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।
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