अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने मुंबई हमले का जिक्र किया है। उन्होंने कहा, मेरे प्यारे देशवासियों, नमस्कार, 'मन की बात' में आपका स्वागत है, लेकिन आज 26 नवंबर हम कभी भी भूल नहीं सकते हैं। आज के ही दिन देश पर सबसे जघन्य आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने, मुंबई को, पूरे देश को, थर्रा कर रख दिया था।
उन्होंने कहा, "ये भारत का सामर्थ्य है कि हम उस हमले से उबरे और अब पूरे हौसले के साथ आतंक को कुचल भी रहे हैं। मुंबई हमले में अपना जीवन गंवाने वाले सभी लोगों को मैं श्रद्धांजलि देता हूं। इस हमले में हमारे जो जांबांज वीरगति को प्राप्त हुए, देश आज उन्हें याद कर रहा है।"
संविधान दिवस की दी बधाई
आज पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इसका जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "26 नवंबर का दिन एक वजह खास भी है। इस दिन ही संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। 2015 में जब संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाई जा रही थी, तब हमने 26 नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था। मैं सभी देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई देता हूं।"
संविधान से जुड़ी बातों का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान को तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। 60 देशों के संविधान के गहन अध्ययन के बाद हमारा संविधान तैयार हुआ है।उन्होंने बताया कि संविधान को अंतिम रूप देने से पहले उसमें 2000 से ज्यादा संशोधन किए गए थे। अब तक सभी सरकारों ने अपने-अपने हिसाब से 106 बार संविधान संशोधन किया है। पीएम मोदी ने कहा कि 44वें संशोधन के जरिए आपातकाल के समय हुई गलतियों को सुधारा गया था।
हंसा मेहता को किया याद
पीएम मोदी ने बताया कि संविधान सभा के कुछ सदस्य मनोनीत किए गए थे, जिसमें से 15 महिलाएं थीं। ऐसी ही एक महिला हंसा मेहता जी ने महिलाओं के अधिकारों की बात की थी।
पीएम मोदी ने कहा, "मेरे परिवारजनों, राष्ट्र निर्माण की कमान जब जनता-जनार्दन संभाल लेती है, तो दुनिया की कोई भी ताकत उस देश को आगे बढ़ने से नहीं रोक पाती है। आज भारत में भी स्पष्ट दिख रहा है कि कई परिवर्तनों का नेतृत्व देश की 140 करोड़ जनता ही कर रही है।"
वोकल फॉर लोकल को मिला बढ़ावा
पीएम मोदी ने 'वोकल फॉर लोकल' पर भी जोर देते हुए कहा कि बीते कुछ दिनों के भीतर ही दिवाली, भैया दूज और छठ पर देश में चार लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। इस दौरान भारत में बने उत्पादों को खरीदने का जबरदस्त उत्साह लोगों में देखा गया।
विदेश जाकर शादी करने वालों से पीएम मोदी का सवाल
पीएम मोदी ने विदेश में जाकर शादी करने वालों से सवाल किया। उन्होंने कहा कि इन दिनों कुछ परिवारों ने विदेशों में जाकर शादी करने शुरू किया है। इससे एक नया वातावरण बनता जा रहा है। क्या ये जरूरी है? भारत की मिट्टी में, भारत के लोगों के बीच, अगर हम शादी ब्याह मनाएं, तो देश का पैसा, देश में रहेगा।
ऑनलाइन पेमेंट की बढ़ोतरी पर जताई खुशी
पीएम मोदी ने कहा कि ये लगातार दूसरा साल है, जब दीपावली के अवसर में कैश देकर कुछ सामान खरीदने का प्रचलन धीरे-धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। अब लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। ये भी बहुत उत्साह बढ़ाने वाला है।
इंटेलिजेंस, आइडिया और इनोवेशन आज भारतीय युवाओं की पहचान है। प्रौद्योगिकी के संयोजन से उनकी बौद्धिक संपदा में निरंतर प्रबलता हो, ये आपके अपने देश की दृढ़ता को बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण प्रगति है। आपको ये जानकर अच्छा लगेगा कि 2022 में भारतीयों के पेटेंट आवेदन में 31 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
छऊ पर्व के अनुभव को बताया
झारखण्ड, ओडिशा और बंगाल के जन-जातीय इलाकों में एक बहुत प्रसिद्ध नृत्य है, जिसे 'छऊ' के नाम से बुलाते हैं। 15 से 17 नवम्बर तक 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना के साथ श्रीनगर में 'छऊ' पर्व का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सबने 'छऊ' नृत्य का आनंद उठाया।
उन्होंने कहा, "साथियों, भारतीय संस्कृति की सुंदरता को सऊदी अरब में भी महसूस किया गया। इसी महीने सऊदी अरब में ‘संस्कृत उत्सव’ नाम का एक आयोजन हुआ। यह अपने आप में बहुत अनूठा था, क्योंकि ये पूरा कार्यक्रम ही संस्कृत में था।"
स्वच्छता अभियान की सफलता पर रखा पक्ष
पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने साफ-सफाई और सार्वजनिक स्वच्छता को लेकर लोगों की सोच बदल दी है। ये पहल आज राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन चुकी है, जिसने करोड़ों देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाया है।
युवाओं ने शुरू किया 'प्रोजेक्ट सूरत'
सूरत के युवाओं ने 'प्रोजेक्ट सूरत' की शुरुआत की है, जिसके तहत वह प्रदेश के रूप को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। 'सफाई संडे' के तहत युवा समुद्री तट और सार्वजनिक जगहों की सफाई करते हैं। इस पहल में 50 हजार से ज्यादा युवा जुड़ चुके हैं।
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तमिलनाडु के लोगानाथन का जिक्र
पीएम मोदी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर के रहने वाले लोगानाथन का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि बचपन में गरीब बच्चों के फटे कपड़ों को देखकर वे अक्सर परेशान हो जाते थे। इसके बाद उन्होंने ऐसे बच्चों की मदद का प्रण लिया और अपनी कमाई का एक हिस्सा इन्हें दान देना शुरू कर दिया।
जल सुरक्षा पर जताई चिंता
पीएम मोदी ने 107वें संबोधन में जल सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की बहुत बड़ी चुनौतियों में से एक है, जल सुरक्षा। उन्होंने कहा, "जल का संरक्षण करना, जीवन को बचाने से कम नहीं हैं। जब हम सामूहिकता की इस भावना से कोई काम करते हैं तो सफलता भी मिलती है। इसका एक उदाहरण देश के हर जिले में बन रहे 'अमृत सरोवर' भी है।"