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Mann Ki Baat: 15 अगस्त से शुरू होगा ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान, PM Modi ने देशवासियों से की यह खास अपील

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात (Mann) कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पेड़ लगाने और जल का संरक्षण करने की अपील की। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका से लौटाई गई 100 से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियों का भी जिक्र किया। यह कार्यक्रम का 103वां एपिसोड था। पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात करते हैं।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 30 Jul 2023 12:05 PM (IST)
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Mann Ki Baat: पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम को किया संबोधित

नई दिल्ली, जागरण डेस्क। Mann KI Baat LIVE Updates: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने रविवार को 'मन की बात' के 103वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जुलाई का महीना मानसून और बारिश का महीना होता है, लेकिन बीते कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं।

'बाढ़ और भूस्खलन से लोगों को उठानी पड़ी समस्या'

पीएम मोदी ने कहा कि यमुना समेत कई नदियों में बाढ़ से कई इलाकों में लोगों को तकलीफ उठानी पड़ी है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं भी हुईं हैं। इसी दौरान देश के पश्चिमी हिस्से में कुछ समय पूर्व गुजरात के इलाकों में बिरपरजॉय साइक्लोन भी आया, लेकिन इस आपदाओं के बीच हम सब देशवासियों ने फिर दिखाया है कि सामूहिक प्रयास की ताकत क्या होती है। स्थानीय लोगों ने, हमारे NDRF के जवानों ने, स्थानीय प्रशासन के लोगों ने, दिन-रात लगाकर ऐसी आपदाओं का मुकाबला किया है।

पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश

  • किसी भी आपदा से निपटने में हमारे सामर्थ्य और संसाधनों की भूमिका बड़ी होती है, लेकिन इसके साथ ही, हमारी संवेदनशीलता और एक दूसरे का हाथ थामने की भावना, उतनी ही अहम होती है। सर्वजन हिताय की यही भावना भारत की पहचान भी है और भारत की ताकत भी है।
  • बारिश का समय ‘वृक्षारोपण’ और ‘जल संरक्षण’ के लिए भी जरूरी होता है। आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान बने 60 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों में भी रौनक बढ़ गई है।
  • अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवरों को बनाने का काम चल भी रहा है। 
  • हमारे देशवासी पूरी जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ ‘जल संरक्षण’ के लिए नए-नए प्रयास कर रहे हैं।
  • हम सभी को पेड़ लगाने और पानी बचाने के प्रयासों का हिस्सा बनना चाहिए।
  • इस समय ‘सावन’ का पवित्र महीना चल रहा है। सदाशिव महादेव की साधना-आराधना के साथ ही ‘सावन’ हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है। इसीलिए ‘सावन’ का आध्यात्मिक के साथ ही सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्व रहा है।
  • सावन के झूले, सावन की मेहंदी, सावन के उत्सव- यानि ‘सावन’ का मतलब ही आनंद और उल्लास होता है।
  • हमारी इस आस्था और इन परम्पराओं का एक पक्ष और भी है। हमारे ये पर्व और परम्पराएं हमें गतिशील बनाते हैं।
  • सावन में शिव आराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। ‘सावन’ की वजह से इन दिनों 12 ज्योतिर्लिंगों में भी खूब श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
  • आपको ये जानकार भी अच्छा लगेगा कि बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी रिकार्ड तोड़ रही है। अब काशी में हर साल 10 करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं।
  • कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक अद्भुत क्रेज दिखा। अमेरिका ने हमें 100 से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियाँ वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा।
  • भारत लौटीं ये कलाकृतियां ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं। आपको यह भी जानकर खुशी होगी कि इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है।
  • ये Terracotta, Stone, Metal और लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई गई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जो आपको आश्चर्य से भर देंगी। आप इन्हें देखेंगे तो देखते ही रह जाएंगे।
  • इनमें 11वीं शताब्दी का एक खुबसूरत Sandstone Sculpture (स्कल्पचर) भी आपको देखने को मिलेगा। ये नृत्य करती हुई एक ‘अप्सरा’ की कलाकृति है, जिसका नाता, मध्य प्रदेश से है।
  • चोल युग की कई मूर्तियां भी इनमें शामिल हैं। देवी और भगवान मुर्गन की प्रतिमाएं तो 12वीं शताब्दी की हैं और तमिलनाडु की वैभवशाली संस्कृति से जुड़ी हैं।
  • भगवान गणेश की करीब एक हजार वर्ष पुरानी कांसे की प्रतिमा भी भारत को लौटाई गई है।
  • ललितासन में बैठे उमा-महेश्वर की एक मूर्ति 11वीं शताब्दी की बताई जाती है, जिसमें वह दोनों नंदी पर आसीन हैं।
  • पत्थरों से बनी जैन तीर्थंकरों की दो मूर्तियां भी भारत वापस आई हैं।
  • भगवान सूर्य देव की दो प्रतिमाएं भी आपका मन मोह लेंगी | इनमें से एक Sandstone से बनी है।
  • वापस लौटाई गई चीजों में लकड़ी से बना एक पैनल भी है, जो समुद्रमंथन की कथा को सामने लाता है। 16वीं-17वीं सदी के इस Panel (पैनल) का जुड़ाव दक्षिण भारत से है।
  • यहां मैने बहुत कम नाम लिए हैं, जबकि देखें तो यह लिस्ट बहुत लंबी है।
  • मैं अमेरिकी सरकार का आभार व्यक्त करना चाहूंगा, जिन्होंने हमारी इस बहुमूल्य विरासत को लौटाया है।
  • 2016 और 2021 में भी जब मैंने अमेरिका की यात्रा की थी, तब भी कई कलाकृतियाँ भारत को लौटाई गई थी।
  • मुझे विश्वास है कि ऐसे प्रयासों से हमारी सांस्कृतिक धरोहरों की चोरी रोकने को इस बात को ले करके देशभर में जागरूकता बढ़ेगी। इससे हमारी समृद्ध विरासत से देशवासियों का लगाव भी और गहरा होगा।
  • मैंने देवभूमि उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से अपील की थी कि वो यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोकल प्रोडक्ट्स खरीदें। अब इसका वहां बहुत असर हुआ है। आज भोजपत्र के उत्पादों को यहां आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं।
  • भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए प्रोडक्ट बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को ट्रेनिंग भी दे रही है।
  • राज्य सरकार ने भोजपत्र की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित करने के लिए भी अभियान शुरू किया है।
  • जिन क्षेत्रों को कभी देश का आखिरी छोर माना गया था, उन्हें अब देश का प्रथम गांव मानकर विकास हो रहा है। ये प्रयास अपनी परंपरा और संस्कृति को संजोने के साथ आर्थिक तरक्की का भी जरिया बन रहा है।
  • मुझे इस बार काफी संख्या में ऐसे पत्र भी मिले हैं, जो मन को बहुत ही संतोष देते है। ये चिट्ठी उन मुस्लिम महिलाओं ने लिखी हैं, जो हाल ही में हज यात्रा करके आई हैं। उनकी ये यात्रा कई मायनों में बहुत खास है।
  • ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने, हज की यात्रा, बिना किसी पुरुष सहयोगी या मेहरम के बिना पूरी की है और ये संख्या सौ-पचास नहीं, बल्कि, चार हजार से ज्यादा है।
  • यह एक बड़ा बदलाव है। पहले, मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम ‘हज’ करने की इजाजत नहीं थी।
  • मैं ‘मन की बात’ के माध्यम से सऊदी अरब सरकार का भी ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं। बिना मेहरम ‘हज’ पर जा रही महिलाओं के लिए ख़ासतौर पर महिला समन्वयक नियुक्ति की गई थी।
  • बीते कुछ वर्षों में हज पॉलिसी में जो बदलाव किए गए हैं, उनकी भरपूर सराहना हो रही है। हमारी मुस्लिम माताओं और बहनों ने इस बारे में मुझे काफी कुछ लिखा है | अब, ज्यादा से ज्यादा लोगों को ‘हज’ पर जाने का मौका मिल रहा है।
  • जम्मू-कश्मीर में Musical Nights हों, High Altitudes में Bike Rallies हों, चंडीगढ़ के local clubs हों, और, पंजाब में ढेर सारे Sports Groups हों, ये सुनकर लगता है, Entertainment की बात हो रही है, Adventure की बात हो रही है, लेकिन बात कुछ और है। ये आयोजन एक ‘common cause’ से भी जुड़ा हुआ है और ये common cause है – ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता अभियान।
  • जम्मू-कश्मीर के युवाओं को Drugs से बचाने के लिए कई Innovative प्रयास देखने को मिले हैं | यहाँ, Musical Night, Bike Rallies जैसे कार्यक्रम हो रहे हैं |
  • चंडीगढ़ में इस Message को Spread करने के लिए Local Clubs को इससे जोड़ा गया है | वे इन्हें VADA (वादा) clubs कहते हैं | VADA यानी Victory Against Drugs Abuse ।
  • पंजाब में कई Sports Groups भी बनाए गए हैं, जो Fitness पर ध्यान देने और नशा मुक्ति के लिए Awareness Campaign चला रहे हैं |
  • नशे के खिलाफ अभियान में युवाओं की बढ़ती भागीदारी बहुत उत्साह बढ़ाने वाली है। ये प्रयास, भारत में नशे के खिलाफ अभियान को बहुत ताकत देते हैं।
  • हमें देश की भावी पीढ़ियों को बचाना है, तो उन्हें, drugs से दूर रखना ही होगा | इसी सोच के साथ, 15 अगस्त 2020 को ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की गई थी। इस अभियान से 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है।
  • दो हफ्ते पहले ही भारत ने ड्रग्स के खिलाफ बहुत बड़ी कारवाई की है। ड्रग्स की करीब डेढ़ लाख किलो की खेप को जब्त करने के बाद उसे नष्ट कर दिया गया है।
  • भारत ने 10 लाख किलो ड्रग्स को नष्ट करने का अनोखा रिकॉर्ड भी बनाया है। इन ड्रग्स की कीमत 12 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी।
  • एम.पी. के शहडोल में एक गांव है बिचारपुर। बिचारपुर को Mini Brazil कहा जाता है | Mini Brazil इसलिए, क्योंकि ये गांव आज फुटबाल के उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। जब कुछ हफ्ते पहले मैं शहडोल गया था तो मेरी मुलाक़ात वहां ऐसे बहुत सारे फुटबाल खिलाड़ियों से हुई थी। मुझे लगा कि इस बारे में हमारे देशवासियों को और खासकर युवा साथियों को जरूर जानना चाहिए।
  • हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। जरूरत है तो उन्हें तलाशने की और तराशने की। इसके बाद यही युवा देश का नाम रोशन करते हैं और देश के विकास को दिशा भी देते हैं।
  • आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर हम सभी पूरे उत्साह से ‘अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं। ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान देश में करीब-करीब दो लाख कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। ये कार्यक्रम एक से बढ़कर एक रंगों से सजे थे, विविधता से भरे थे। इन आयोजनों की एक खूबसूरती ये भी रही कि इनमें रिकॉर्ड संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान हमारे युवाओं को देश की महान विभूतियों के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला।
  • आज जब देश में चारों तरफ ‘अमृत महोत्सव’ की गूंज है, 15 अगस्त पास ही है तो देश में एक और बड़े अभियान की शुरुआत होने जा रही है। शहीद वीर-वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू होगा। इसके तहत देश-भर में हमारे अमर बलिदानियों की स्मृति में अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
  • मैंने पिछले साल लाल किले से अगले 25 वर्षों के अमृतकाल के लिए ‘पंच प्राण’ की बात की थी। ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान में हिस्सा लेकर हम इन ‘पंच प्राणों’ को पूरा करने की शपथ भी लेंगे। आप सभी देश की पवित्र मिट्टी को हाथ में लेकर शपथ लेते हुए अपनी सेल्फी को http://yuva.gov.in पर जरूर अपलोड करे।
  • पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए जैसे पूरा देश एक साथ आया था, वैसे ही हमें इस बार भी फिर से, हर घर तिरंगा फहराना है और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है।

जेपी नड्डा ने भी सुनी 'मन की बात'

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी 'मन की बात' कार्यक्रम को सुना। इस दौरान उनके साथ तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।

हर महीने PM मोदी करते हैं 'मन की बात'

पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को 'मन की बात' करते हैं। इसे सुबह 11 बजे से सुना जा सकता है।