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मनसुख मंडाविया ने कहा- महामारी के बीच बायोफार्मा उद्योग रणनीतिक महत्व की संपदा हुई साबित

मनसुख मंडाविया ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा आपात स्थिति ने देखा है कि भारत की बायोफार्मा और डायग्नोस्टिक इंडस्ट्री न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि विश्व स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकता को पूरा करने के लिए रणनीतिक महत्व की संपदा साबित हुई है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 28 Jan 2023 04:30 AM (IST)
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महामारी के बीच बायोफार्मा उद्योग रणनीतिक महत्व की संपदा हुई साबित- मनसुख मंडाविया। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ वर्षों में चिकित्सा आपात स्थिति ने देखा है कि भारत की बायोफार्मा और डायग्नोस्टिक इंडस्ट्री न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि विश्व स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकता को पूरा करने के लिए रणनीतिक महत्व की संपदा साबित हुई है।

चिकित्सा के विकल्प के रूप में उभरी हैं जैविक दवाएं

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलाजिकल्स (एनआईबी) द्वारा आयोजित जैविक पदार्थों की गुणवत्ता विषयक राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में अपने वीडियो संबोधन में मंत्री ने कहा कि पारंपरिक रासायनिक दवाओं के साथ-साथ जैविक दवाएं चिकित्सा के विकल्प के रूप में उभरी हैं। उन्होंने कहा कि एनआईबी यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है कि केवल गुणवत्ता वाले जैविक उत्पाद स्वास्थ्य प्रणाली तक पहुंचें, जिससे सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य और आरोग्य सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री के मिशन को मजबूती मिले।

काफी टेबल बुक का किया गया विमोचन

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय देश के बायोफार्मा उद्योगों की रणनीतिक महत्व ने वसुधैव कुटुंबकम अर्थात सारा विश्व एक परिवार है के साथ सार्वभौमिक भाईचारे की भावना को सार्थक कर दिया है। राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन जैविक उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने से जुड़े पहलुओं पर बातचीत के लिए हितधारकों, नियामक प्राधिकरणों और शिक्षाविदों को एक साथ लाता है। कार्यक्रम में उपस्थित व्यक्तियों द्वारा एक काफी टेबल बुक का विमोचन किया गया।

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