मराठा आरक्षण: सीएम एकनाथ शिंदे का फैसला, जालना के आंदोलनकारियों पर दर्ज केस होंगे वापस
मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा जालौन आंदोलन में आंदोलनकारियों पर दर्ज़ सभी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएंगे। साथ ही राज्य सरकार ने राज्य भर में मराठा आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज़ किए गए सभी अपराधों को वापस लेने का फैसला किया है। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 14 दिनों से मनोज जरांगे अनशन कर रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 12 Sep 2023 08:38 AM (IST)
मुंबई, एजेंसी। मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिलवाने की मांग को लेकर राज्य में चल रहे आरक्षण को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में मुख्यमंत्री शिंदे ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि जालना में हुए आंदोलन में आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएंगे।
मराठा आरक्षण मुद्दे को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "जालौन आंदोलन में आंदोलनकारियों पर दर्ज़ सभी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएंगे। साथ ही राज्य सरकार ने राज्य भर में मराठा आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज़ किए गए सभी अपराधों को वापस लेने का फैसला किया है।"
हम लाठीचार्ज की कार्रवाई का समर्थन नहीं करते- सीएम
सीएम ने आगे कहा, "हम लाठीचार्ज की कार्रवाई का समर्थन नहीं करते। बैठक में हमने मराठा समुदाय को आरक्षण देने का फैसला किया है। इस बात पर भी सहमति बनी कि अन्य समुदायों को बिना किसी हस्तक्षेप के आरक्षण दिया जाना चाहिए। मराठाओं को आरक्षण देने का फैसला कानूनी तौर पर मान्य होना चाहिए, इसलिए हम इस पर काम कर रहे हैं। सभी पार्टी नेताओं ने एक प्रस्ताव पारित किया कि मनोज जरांगे पाटील को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर देनी चाहिए।"Mumbai | On the All Party meeting called in regard to the Maratha Reservation issue, Maharashtra CM Eknath Shinde said, "All the cases registered against the agitators in the Jalna movement will be withdrawn immediately. Also, the state government has decided to withdraw all the… pic.twitter.com/cq0VnVwypu
— ANI (@ANI) September 12, 2023
सभी पार्टियों अपना रुख स्पष्ट करें- पाटिल
इससे पहले मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 14 दिनों से अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने सभी पार्टियों से अपनी मांग पर रुख स्पष्ट करने को कहा था। जालना के अंतर्वाली सराटी गांव में 29 अगस्त से अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र का मराठा समुदाय 70 सालों से न्याय की आस लगाए बैठा है। अब सत्ता एवं विपक्षी दलों को इस पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
मराठा आरक्षण ही मेरी दवा है- जरांगे पाटिल
वहीं, पिछले 14 दिनों से अनशन पर बैठे जरांगे पाटिल से जब डाक्टरों ने उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए दवा लेने को कहा तो उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण ही मेरी दवा है। उन्होंने शनिवार को अपना रुख और कड़ा करते हुए कहा था कि जब तक महाराष्ट्र के मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र देकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण नहीं दिया जाता, उनका अनशन जारी रहेगा।सर्वदलीय बैठक में सीएम एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार मौजूद थे। इसके अलावा राधाकृष्ण विखे पाटिल, सुनील तटकरे, रेखा ठाकुर, कपिल पाटिल, छगन भुजबल, अनिल परब, राजेश टोपे, जयंत पाटिल, सदाभाऊ खोत, बालासाहेब थोराट, विजय वड्डेटीवार भी शामिल रहे।