Parliament security breach: सरेंडर से पहले मास्टरमाइंड ललित झा ने जला दिए थे साथियों के फोन, पुलिस को बड़ी साजिश की आशंका
Parliament security breach संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने के पीछे मास्टरमाइंड ललित झा ने दिल्ली पुलिस को सरेंडर तो कर दिया है लेकिन सरेंडर से पहले उसने कई साजिश को अंजाम दिया है। इस साजिश के तहत उसने दिल्ली आने से पहले उसने चारों आरोपियों के मोबाइल फोन को वहीं नष्ट कर दिया। पुलिस को शक है कि जांच को भटकाने के लिए उसने ऐसा किया है।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Fri, 15 Dec 2023 09:18 AM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। Parliament security breach: संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगाने वाला मास्टरमाइंड ललित झा दिल्ली पुलिस को सरेंडर कर चुका है। इस बीच, पुलिस सूत्रों ने बताया कि संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में पांचवें आरोपी और मास्टरमाइंड ललित झा ने राजस्थान के कुचामन भागने के बाद अपने दोस्त महेश के साथ अपने सभी सहयोगियों के मोबाइल फोन जला दिए हैं।
घटना से पहले, सभी चार आरोपियों ने अपने मोबाइल फोन ललित झा को सौंप दिए थे ताकि महत्वपूर्ण जांच विवरण पुलिस के हाथ न लग सकें क्योंकि उन्हें उनकी गिरफ्तारी की आशंका थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस झा के सभी दावों की पुष्टि कर रही है। झा भी संसद के बाहर मौजूद था और उसने इसे प्रचारित करने के इरादे से अपने दो साथियों का वीडियो बनाया।
कुचामन में झा की मुलाकात उसके दोस्त महेश से हुई, जिसने उसे रात के लिए एक कमरा दिलवाया। उन दोनों की मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी, जैसा कि झा ने पूछताछ के दौरान बताया।
ललित झा खुद ही थाने आकर किया सरेंडर- पुलिस
ललित झा की गिरफ्तारी से पहले तकनीकी निगरानी की मदद से पुलिस ने सबसे पहले महेश के चचेरे भाई कैलाश को हिरासत में लिया। चचेरे भाई कैलाश ने पुलिस को बताया कि महेश और ललित दिल्ली गए थे। बाद में जब झा वापस आये तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ''ललित झा खुद ही थाने आया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ शुरू कर दी।''
प्रधानमंत्री मोदी को 'एक लापता व्यक्ति' घोषित किया
इस बीच, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार सभी चार आरोपियों को सात दिन की हिरासत में भेज दिया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने लखनऊ से विशेष जूते और मुंबई से कनस्तर खरीदे थे। पुलिस वकीलों ने आगे कहा कि आरोपी ने एक पर्चा ले रखा था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को एक लापता व्यक्ति घोषित किया गया था और कहा गया था कि जो व्यक्ति उन्हें ढूंढेगा उसे स्विस बैंक से पैसे दिए जाएंगे।आरोपियों ने प्रधानमंत्री को घोषित अपराधी बताया
आरोपियों ने प्रधानमंत्री को घोषित अपराधी की तरह दिखाया। पुलिस ने अदालत को सूचित किया कि उसने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी और यूएपीए अधिनियम की कड़ी 16 (आतंकवाद) और 18 (आतंकवाद की साजिश) की धाराएं भी जोड़ी थीं।यह भी पढ़ें- Parliament security lapse: संसद में 'घुसपैठ' का मास्टरमाइंड ललित झा! पुलिस सूत्रों ने बताया- गुरुग्राम में हुई थी आरोपियों की मीटिंग
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