Move to Jagran APP

माय सिटी माय प्राइड : अर्थव्‍यवस्‍था को कितने लगे पंख, बताएं आप

माय सिटी माय प्राइड अभियान में शहर के विकास को आंकने के लिए महत्‍वपूर्ण पिलर अर्थव्‍यवस्‍था था।

By Krishan KumarEdited By: Updated: Mon, 27 May 2019 06:42 PM (IST)

नई दिल्‍ली, जेएनएन: माय सिटी माय प्राइड अभियान में शहर के विकास को आंकने के लिए महत्‍वपूर्ण पिलर अर्थव्‍यवस्‍था था। इसमें शहर में बेहतर अर्थव्‍यवस्‍था बनाये जाने के लिए लोगों ने कई सुझाव दिए थे। अब हम आपसे यह जानना चाहते हैं कि अर्थव्‍यवस्‍था के लिए तय मु्द्दों की विकास गति कितनी है। सभी दस शहरों में विकास में बाधक बनी 545 बड़ी समस्याओं की पहचान की गई थी। अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए इन शहरों में 10 कामों को नागरिकों और स्थानीय प्रशासन ने हाथों में लिया था।

दैनिक जागरण और जागरण ऑनलाइन के पाठक होने के नाते हम आपसे जानना चाहते हैं जो काम आपके शहर के जनप्रतिनिधियों, जनता और सामाजिक संगठनों ने अपने हाथ में लिए थे,उनकी गति क्‍या है? आपका चंद मिनटों का कीमती समय शहर को और बेहतर बना सकता है। किसी शहर की अर्थव्‍यवस्‍था कैसी है? इससे वहां के लोगों को रोजगार और विकास के अन्‍य मानक तय होते हैं यानी वहां की अर्थव्‍यवस्‍था अच्‍छी है तो जाहिर है कि नौकरी के अवसर भी वहां मौजूद होंगे। लोगों को रोजगार के लिए दूर नहीं जाना होगा। गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याओं से मुक्ति संभव है। 

दैनिक जागरण और जागरण न्‍यू मीडिया के माय सिटी माय प्राइड अभियान के दौरान अर्थव्‍यवस्‍था एक महत्‍वपूर्ण पिलर था। अभियान में शामिल 10शहरों में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, लुधियाना,मेरठ, 

पटना, देहरादून, इंदौर, रायपुर और रांची में अर्थव्‍यवस्‍था में किस तरह के बदलाव होने चाहिए और वहां किन चीजों की जरूरत है। यह विभिन्‍न चर्चाओं के बाद तय किया गया था। अब इस चरण में हम आपसे जानना चाहते हैं कि अर्थव्‍यवस्‍था के लिए शहरों में कितना बदलाव हुआ है। 

लखनऊ में अर्थव्‍यस्‍था को बेहतर करने के लिए तीन मुद्दे चुने गये थे। इनमें 750 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना शामिल था। इसकी जिम्‍मेदारी सिटिजन फाउंडेशन को दी गई थी। वहीं,महिलाओं को हैंडीक्राफ्ट ट्रेनिंग, बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देने की बात तय हुई थी। इसे पूरा करने का बीड़ा अंश वेलफेयर फाउंडेशन ने लिया था। इसी तरह वाराणसी में युवाओं को एमएसएमई द्वारा ट्रेनिंग देने की बात तय थी।

पटना में महिलाओं को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्रीज ने स्‍वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने की बात की थी। देहरादून में यह जिम्‍मेदारी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने ली थी, ताकि अर्थव्‍यवस्‍था को गति मिल सके।  रायपुर में ऑटोमोबाइल के मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर जोर देने की बात तय हुई थी। हालांकि, सत्‍ता में नई पार्टी आने के बाद इसकी गति कहां तक पहुंची है, यह अभी देखना होगा। वहीं अन्‍य शहरों में जो भी मुद्दे तय हुए हैं, उनकी विकास गति कितनी है। इस पर राय अवश्‍य दें।