माय सिटी माय प्राइड : 10 शहरों को मिलीं गर्व करने की 110 वजह !
'माय सिटी माय प्राइड' अभियान यहीं नहीं रुकेगा। 10 शहरों में फोरम के बाद अब इस अभियान में शहर की समस्याओं के लिए पेश किए गए समाधानों की समीक्षा की जाएगी।
By Krishan KumarEdited By: Updated: Fri, 12 Oct 2018 10:22 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। 10 शहरों में 'माय सिटी माय प्राइड अभियान ने खुश होने के लिए 110 समाधान दिए हैं। सहभागिता से विकास के इन गौरवशाली उदाहरणों को इन शहरों के जागरूक नागरिक और विशेषज्ञों ने तैयार किया है। 02 जुलाई से 30 सितम्बर के बीच अभियान के इस पहले सत्र में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, लुधियाना, मेरठ, पटना, देहरादून, इंदौर, रायपुर और रांची शहर शामिल रहे।
स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, बुनियादी सुविधाओं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इन शहरों ने गज़ब का उत्साह दिखाया है। जागरण न्यू मीडिया की इस महत्वाकांक्षी पहल 'माय सिटी माय प्राइड' को दैनिक जागरण ने सहभागिता के विशाल मंच का आकार दिया। रेडियो सिटी-नईदुनिया इसमें सहभागी रहे, जबकि फेसबुक इसका प्रस्तुतकर्ता है। 'माय सिटी माय प्राइड' अभियान के पहले चरण- जागरूकता में इन शहरों की समस्याओं और उनके संभावित समाधानों के बारे में चर्चा की गई। इस अभियान की विशालता और गंभीरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसके लिए जागरण समूह ने 10 शहरों में 90 राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इनमें 1173 विषय विशेषज्ञ, प्रशासनिक अधिकारियों को आमंत्रित कर उनकी राय ली गई। इसी अवधि में 735 विशेष लेख अख़बार और वेबसाइट में प्रकाशित किये गए। इन बैठकों में शहरों के विकास में बाधक बनी 545 बड़ी समस्याओं की पहचान की गई। इसके बाद जागरूक नागरिकों के साथ जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और निजी संस्थाओं ने 'माय सिटी माय प्राइड' फोरम में 11-11 समाधान प्रस्तुत किये। इनमें से प्रत्येक समाधान को लागू करने के लिए संगठन या व्यक्ति को उत्तरदायित्व मिला है।
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इन 110 समाधानों में सबसे ज्यादा इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम चुने गए हैं, जिनकी संख्या 44 है। उसके बाद शहर के लोग एजुकेशन के क्षेत्र में सुधार के लिए संकल्पित हुए हैं। यहां पर 22 कामों को चुना गया है। हेल्थ पर भी इन शहरों में 20 काम किए जाएंगे, जबकि सुरक्षा पर 14 कामों को करने के लिए लोगों ने सहमति दी है। स्थानीय अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इस शहरों में 10 कामों को नागरिकों और स्थानीय प्रशासन ने हाथों में लिया है। सिटी रेटिंग और नतीजे :इन शहरों की स्वास्थ्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा संबंधित व्यवस्था पर 02 जुलाई से 20 अगस्त के बीच लोगों ने ऑनलाइन राय दी थी। ' माय सिटी माय प्राइड' वेबसाइट पर हर मुद्दे पर पर राय जताने के लिए 1-5 के बीच अंक दिए जाने थे। पांचों बुनियादी सुविधाओं से संबंधित कुल 41 सवाल थे। लोगों के जवाब के आधार पर सिटी लिवेबिलिटी रिपोर्ट बनाई गई। इसमें इंदौर अव्वल रहा। सूची में लखनऊ दूसरे स्थान पर रहा। देहरादून तीसरे स्थान पर, वाराणसी चौथे व रायपुर पांचवें स्थान पर काबिज रहा। रांची को छठा, मेरठ को सातवां, लुधियाना को आठवां और पटना को नौवां स्थान हासिल हुआ। इस सूची में यूपी का एक बड़ा शहर कानपुर दसवें स्थान पर रहा। अभियान में अब आगे क्या : 'माय सिटी माय प्राइड' अभियान यहीं नहीं रुकेगा। 10 शहरों में फोरम के बाद अब इस अभियान में शहर की समस्याओं के लिए पेश किए गए समाधानों की समीक्षा की जाएगी। प्रत्येक शहर में हर महीने के अंत में इन प्रस्तावित समाधानों की समीक्षा के लिए राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस होगी। इसकी जानकारी समाचार पत्र व ऑनलाइन माध्यम से रिपोर्ट के जरिए आपको मिलेगी। साथ ही, ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यमों से नागरिकों से यह जानने कि कोशिश की जाएगी कि शहर की बुनियादी सुविधाओं में कितना सुधार आया है। इसके लिए तीन-तीन महीने पर शहर के लोगों की राय ली जाएगी और मतदान भी कराया जाएगा। मतदान का पहला चरण दिसम्बर में होगा। इसका दूसरा चरण अप्रैल 2019 में आयोजित किया जाएगा। देखें : दून में कितने विकास कार्य हुए पूरे ?
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