माय सिटी माय प्राइड : कैसे बनेगा आपका शहर सुरक्षित, बताएं आप
माय सिटी माय प्राइड अभियान में शहर के विकास को मापने के लिए सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पिलर था।
नई दिल्ली, जेएनएन : किसी शहर, समाज, देश के सभ्य होने की पहली शर्त कानून और सुरक्षा व्यवस्था है। शहर जितना सुरक्षित है, उसके विकसित होने की संभावनाएं उतनी ज्यादा होती है। माय सिटी माय प्राइड अभियान में शहर के विकास को मापने के लिए सुरक्षा एक महत्वपूर्ण पिलर था। अभियान के दौरान हमने लोगों से शहर की सुरक्षा के सम्बंध में कई सवाल पूछे थे। इस दौरान सभी दस शहरों में विकास में बाधक बनी 545 बड़ी समस्याओं की पहचान की गई। जो स्वास्थ्य, शिक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इकोनॉमी और सुरक्षा से सम्बंधित थे।
इसके बाद 11मुद्दे हर शहर के लिए चुने थे, ये कुल मिलाकर दस शहरों के लिए 110 हुए। 110 मुद्दों में सुरक्षा के लिए 14 कामों को चुना गया था। अब हम आपसे जानना चाहते हैं कि सुरक्षा के लिहाज से आपके शहर में कितने काम हुए हैं। आपके चंद पल और कुछ मिनट आपके शहर को और बेहतर बना सकते हैं।इसी तरह पटना में महिला कॉलेज के बाहर सिक्युरिटी बूथ बनाने की बात तय हुई थी। देहरादून में सुरक्षा से सम्बंधित मुद्दों के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात तय हुई थी,जिसे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक,इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, समेत अन्य लोगों ने पूरा करने का वादा किया था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ रिद्धिम अग्रवाल ने साइबर क्राइम से बचाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात की थी। वाराणसी में पर्यटन चौकियां बनाने के साथ ही व्यस्ततम इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगने की बात तय हुई थी।रायपुर में दिखा बदलाव : रायपुर में पुलिस मित्र जैसे समूहों का थाना स्तर पर गठन का प्रस्ताव था। जिसे डीजीपी ने प्रदेशभर में लागू करने का आदेश दे दिया है। वहीं, शांति समिति की बैठकें हर दो माह में करने पर सहमति बन गई है । रायपुर आईजी ने इसे प्लान में शामिल किया है। साइबर ठगी के शिकार की मदद के लिए प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरु हो गई है।
बच्चों को नशामुक्त करने व हेल्मेट के लिए पुलिस का डियर जिंदगी अभियान शुरू हो चुका है।