स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी हुईं बेहतर, हमें बताएं आप !
माय सिटी माय प्राइड में स्वास्थ्य के लिए 110 समाधानों में 20 मुद्दे थे।
नई दिल्ली, जेएनएन:अगर कोई पूरी तरह स्वस्थ है तभी वह अपने जीवन का आनंद ले सकता है। यह हमारे जीवन के लिए बेहद अहम है। ऐसा कहा भी गया है- "पहला सुख है निरोगी काया" यानी आपका शरीर बेहतर है तभी आप अपने कार्यों में बेहतर रहेंगे। माय सिटी माय प्राइड अभियान में स्वास्थ्य भी अहम पिलर था। स्वास्थ्य को लेकर लखनऊ, कानपुर, वाराणसी,लुधियाना, मेरठ, पटना, देहरादून, इंदौर, रायपुर और रांची शहर में भी विभिन्न समस्या चयनित हुईं थी। 110 समाधानों में स्वास्थ्य को लेकर कुल 20 मुद्दे थे। जिन्हें पूरा करने का जिम्मा जनता, संगठनों, निजी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों ने लिया था। इस दौरान लखनऊ और रायपुर में दो मुद्दे पूरे भी हो चुके हैं, अन्य पाइपलाइन में हैं।
ध्यान रहे कि अपने शहर की स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने का जिम्मा आपका भी है।ऐसे में हम आपकी राह और आसान करना चाहते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं कि 20 स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर क्या प्रगति हुई है। मसलन,कानपुर में यहां चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय को शुरू करने की बात माय सिटी माय प्राइड अभियान के दौरान उठी थी। इसके लिए कानपुर कपड़ा कमेटी और भारतीय बालरोग अकादमी के संरक्षक ने हामी भरी थी। कानपुर में ही गरीबों को सस्ता इलाज मिलने की बात सामने आई थी। मेरठ में आइएमए ने ब्लड बैंक शुरू करने की इच्छा जताई थी। इसकी जिम्मेदारी सेवा भारती और वहां के डॉक्टरों ने ली थी। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आपके शहर में स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर जो आवाज उठी थी उनकी परिणति क्या रही, माने उनकी स्थिति क्या है? इस दौरान कुछ जगह काम शुरू भी हुए हैं।यूपी की राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में तीमारदारों को भोजन-व्यवस्था शुरू हो चुकी है। यह माय सिटी माय प्राइड अभियान की सफलता ही है। यहां अब असहायों की मदद के लिए व्हीलचेयर और स्ट्रेचर का भी इंतजाम हो रहा है। इसी तरह रायपुर में अम्बेडकर अस्पताल को भी इसी अभियान के तहत 10 स्ट्रेचर और दस व्हील चेयर मिल चुके हैं।
- - वाराणसी में आइएमए की ओर से अत्याधुनिक ब्लड बैंक व ऑटो डीफिब्रिलेटर लगाने की बात तय हुई थी। यह जिम्मेदारी आइएमए वाराणसी ने ली थी।
- - पटना में वार्ड स्तर पर पॉलिक्लीनिक खुलने की बात तय हुई है। पटना में विजन सेंटर खुलने की बात भी तय हुई थी। इसके साथ ही यहां 4 जगह विजन सेंटर बनने की बात तय हुई थी।
- - सरकारी स्कूलों में स्वास्थ्य परीक्षण और स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर शिविरों का आयोजन होने की बात तय हुई थी ।
- - रायपुर में चेरिटेबल अस्पतालों की जरूरत उठी थी। इसमें रायपुर के आसपास के अस्पतालों में स्टाफ बढ़ाया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य आयुक्त आर प्रसन्ना ने ली थी ।
- - रांची में ब्लड बैंक की कमी को पूरा किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी लाइफ सेवर्स संस्था ने ली थी। वहीं, गरीब मरीजों को दवाई उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी रोटरी क्लब ने ली थी। इसी तरह एनीमिया से निपटने के लिए आइएमए ने साथ देने की बात कही थी।