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NRI से शादी करना भारतीय महिलाओं को पड़ रहा भारी, विदेश मंत्रालय ने विधि आयोग से की ये मांग

विदेश मंत्रालय ने भारत के विधि आयोग (Law Commission) से भारत के अनिवासी विवाहों के मुद्दे की जांच करने की मांग की है। विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रवासी भारतीयों से शादी करने वाली भारतीय महिलाओं के वैवाहिक मुद्दों से संबंधित शिकायतें बड़ी संख्या में मिल रही हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा संकटग्रस्त एनआरआई महिलाओं को भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) के तहत वित्तीय और कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 14 Nov 2023 04:18 PM (IST)
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NRI से शादी करना भारतीय महिलाओं को पड़ रहा भारी (Image; Representative)

एएनआइ, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय (MEA) ने भारत के विधि आयोग ( Law Commission) से भारत के अनिवासी (NRI) विवाहों के मुद्दे की जांच करने की मांग की है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक कानून और निजी कानूनों के संबंध में अपने ढांचे को मजबूत करने को भी कहा है।

सूत्रों के अनुसार,विदेश मंत्रालय ने हाल ही में इस संबंध में कानून आयोग को वर्तमान संबंधित कानूनों में कमियों की जांच करने के लिए संदर्भ भेजा है। बता दें कि एनआरआई विवाह में दुल्हनों को छोड़ने जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।

NRI और विदेशी विवाह अधिनियम पर भी गौर करेगा आयोग

सूत्रों के मुताबिक, लॉ कमीशन प्रारंभिक चरण में है और इस मुद्दे से निपटने के लिए एक स्ट्रक्चरल फ्रेमवर्क की जांच कर रहा है। लॉ कमीशन के अनुसार, यह अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक कानून और निजी कानूनों पर भी गौर करेगा। इसमें आवश्यक यह है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उल्लंघनकर्ताओं को लाभ पहुंचाने वाली कमियों की रोकथाम का समाधान किया जाए। साथ ही न्यायालय की विभिन्न प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं को कैसे पूरा किया जा सकता है। आयोग एनआरआई और विदेशी विवाह अधिनियम के विवाह के पंजीकरण पर 2019 विधेयक पर भी गौर करेगा।

NRI से शादी करने वाली भारतीय महिलाओं की शिकायतें

विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रवासी भारतीयों से शादी करने वाली भारतीय महिलाओं के वैवाहिक मुद्दों से संबंधित शिकायतें बड़ी संख्या में मिल रही हैं। इसमें भारत में ही पत्नी को शादी के बाद छोड़ देना, पति या पत्नी द्वारा वीजा के प्रायोजन में देरी, पति या पत्नी द्वारा बातचीत बंद करने के मामले, पति और ससुराल वालों द्वारा महिलाओं का उत्पीड़न और पति या पत्नी द्वारा एकतरफा तलाक जैसी शिकायतें शामिल हैं। इन मामलों में अक्सर बच्चों की हिरासत से जुड़े मुद्दे भी शामिल होते हैं।

मंत्रालय करती है मदद

मंत्रालय के अनुसार और मिशन/केंद्र ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में पीड़ित भारतीय महिलाओं को उचित परामर्श, मार्गदर्शन और जानकारी प्रदान करते हैं। भारतीय मिशन और केंद्र महिलाओं सहित संकटग्रस्त भारतीयों की शिकायतों के समाधान के लिए वॉक-इन सेशन और ओपन हाउस बैठकें भी आयोजित करते हैं। MADAD और CPGRAM पोर्टल के माध्यम से भी शिकायतों का समाधान किया जाता है।

24x7 हेल्पलाइन है जारी 

इसके अलावा, मिशन और पोस्ट आपातकालीन स्थितियों के लिए 24x7 हेल्पलाइन भी हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी सहायता प्रदान की जाती है। विदेश मंत्रालय ने कहा, जहां भी लागू हो, संकटग्रस्त एनआरआई महिलाओं को भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) के तहत वित्तीय और कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।

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