India Canada Row: भारत ने कनाडा को फिर चेताया, कहा- गैरजिम्मेदाराना बयानों से होंगे गंभीर परिणाम
भारत ने मौजूदा ट्रूडो सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राजनीतिक एजेंडे के तहत काम कर रही है और वह जो कदम उठा रही है उससे दोनों देशों के रिश्तों पर गहरा नकारात्मक असर होगा। कनाडा बेवजह भारत की छवि धूमिल करने में जुटा है। कनाडा में भारतीय राजनयिकों के फोन टैप किए जा रहे। भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक विवाद और गहराता जा रहा है। पिछले दिनों कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मारीसन की तरफ से इस मामले में संसदीय समिति की एक सुनवाई के दौरान भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिए जाने को भारत ने बेहद गंभीरता से लिया है।
इस मामले में एक दिन पहले कनाडा के भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि को विदेश मंत्रालय में समन कर भारत ने कड़ा रोष जताया। विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक राजनयिक नोट भी सौंपा है। भारत ने एक बार फिर दोहराया है कि मौजूदा ट्रूडो सरकार राजनीतिक एजेंडे के तहत काम कर रही है और वह जो कदम उठा रही है उससे दोनों देशों के रिश्तों पर गहरा नकारात्मक असर होगा। कनाडा बेवजह भारत की छवि धूमिल करने में जुटा है।
अमित शाह पर दिए गए बयानों के खिलाफ भारत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा-' हमने कल कनाडा के उच्चायोग के प्रतिनिधि को समन किया था। 29 अक्टूबर को एक राजनयिक नोट उन्हें सौंपा गया था। हमने बताया है कि एक समिति के समक्ष कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मारीसन की तरफ से भारत के गृह मंत्री के बारे में व्यक्त किए गए अनर्गल व निराधार संदर्भों का भारत कड़ा विरोध करता है।कनाडा के अधिकारी भारत को बदनाम करने व अन्य देशों को प्रभावित करने के लिए जानबूझ कर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को आधारहीन सूचना प्रदान करते हैं। इस तरह के गैर जिम्मेदाराना कृत्यों के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर परिणाम होंगे।'
कनाडा में भारतीय उच्चायोग अधिकारियों की जासूसी की जा रही
जायसवाल ने कहा-'कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों की जासूसी की जा रही है। यह जानकारी कनाडा सरकार की तरफ से ही भारतीय अधिकारियों को दी गई है। उनके फोन टैप किए जा रहे हैं। इस बारे में भी आधिकारिक तौर पर कनाडा सरकार के समक्ष विरोध जता दिया गया है कि यह राजनयिक समझौतों का खुला-खुला उल्लंघन है।यह कनाडा सरकार की तरफ से भयभीत करने और प्रताड़ित करने का तरीका है जिसे वह तकनीकी तौर पर छिपाने की कोशिश कर रही है। हमारे राजनयिक पहले से ही काफी अतिवादी व हिंसक माहौल में काम कर रहे हैं। कनाडा सरकार के इस कदम से स्थिति और खराब हो गई है।'