विश्व में एक साल में बढ़े 88 प्रतिशत खसरे के मामले, कारण चौंकाने वाला आया सामने
बार्सिलोना में चल रहे ईएससीएमआइडी ग्लोबल कांग्रेस में शोध प्रस्तुत करने वाले डब्ल्यूएचओ के पैट्रिक ओ कानर ने कोविड-19 महामारी के दौरान टीकाकरण की कमी को खसरे के मामलों की बढ़ोत्तरी को प्रमुख कारण बताया। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में खसरा और रूबेला को खत्म करने की दिशा में अच्छी प्रगति हुई है। खसरे का वायरस बेहद संक्रामक है और टीकाकरण में अंतराल इसके फैलने का संभावित जोखिम है।
आईएएनएस, नई दिल्ली। विश्व में खसरे के मामलों में वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में 88 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 में 1.71 लाख खसरे के मामले वर्ष 2023 में बढ़कर तकरीबन दोगुने 3.21 लाख हो गए। यह तथ्य विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा रविवार को जारी रिपोर्ट में सामने आया।
बार्सिलोना में चल रहे ईएससीएमआइडी ग्लोबल कांग्रेस में शोध प्रस्तुत करने वाले डब्ल्यूएचओ के पैट्रिक ओ कानर ने कोविड-19 महामारी के दौरान टीकाकरण की कमी को खसरे के मामलों की बढ़ोत्तरी को प्रमुख कारण बताया। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में खसरा और रूबेला को खत्म करने की दिशा में अच्छी प्रगति हुई है।
खसरे का वायरस बेहद संक्रामक है और टीकाकरण में अंतराल इसके फैलने का संभावित जोखिम है। ऐसे में टीकाकरण बेहद जरूरी है लेकिन इसका एक समान होना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल तक 94,481 खसरे के मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ऐसे में इस वर्ष भी खसरे के मामलों में बढ़ोत्तरी हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से 45 प्रतिशत मामले डब्ल्यूएचओ के यूरोपियन, यमन, अजरबैजान और किर्गिस्तान में दर्ज किए गए। इन देशों में दुनिया के सर्वाधिक खसरे के मामले सामने आए।