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क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के तंत्र को अंतिम रूप देना अभी बाकी: केंद्र

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसे क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने और संबंधित अपराधों की प्रभावी जांच के लिए एक तंत्र विकसित करने पर निर्णय लेना बाकी है। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ को बताया कि डिजिटल मुद्रा से संबंधित मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं।

By Agency Edited By: Amit Singh Updated: Sun, 21 Jan 2024 06:00 AM (IST)
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सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के तंत्र पर विचार-विमर्श कर रही है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसे क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने और संबंधित अपराधों की प्रभावी जांच के लिए एक तंत्र विकसित करने पर निर्णय लेना बाकी है। केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ को बताया कि डिजिटल मुद्रा से संबंधित मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के तंत्र पर विचार-विमर्श कर रही है।

उन्होंने मामले में सुनवाई की अगली तारीख तक तंत्र पर अद्यतन स्थिति बताते हुए एक हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। पीठ ने शुक्रवार को आदेश दिया कि जहां तक विभिन्न राज्यों में उत्पन्न होने वाले क्रिप्टोकरेंसी के मामलों के संदर्भ में भारत संघ के रुख का सवाल है, भारत के अतिरिक्त सालिसिटर जनरल उचित हलफनामा दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय चाहते हैं और उन्हें इतना समय दिया जाता है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस कांत ने कहा कि अदालत केवल यह चाहती है कि आम आदमी को धोखाधड़ी और क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग से बचाने के लिए उचित सुरक्षा उपाय हों। पीठ ने बनर्जी से कहा कि हम इस बात के विशेषज्ञ नहीं हैं कि आपके पास किस प्रकार की मुद्रा होनी चाहिए या उसे कैसे विनियमित करना चाहिए। यदि इसे विनियमित करने के लिए कोई तंत्र नहीं है, तो कोई भी मुद्रा बना सकता है और उसमें लेनदेन शुरू कर सकता है। यह बहुत खतरनाक होगा।