तमिलनाडु में मेडिकल और डेंटल कॉलेज छात्रों से नहीं वसूल सकेंगे अधिक शुल्क, सरकार ने दी यह चेतावनी
नए शुल्क ढांचे के साथ सरकारी कॉलेजों के तहत सेल्फ-फाइनेंसिंग मेडिकल कॉलेजों में भर्ती छात्रों को 4.35 लाख रुपये से 4.50 लाख रुपये के बीच शुल्क देना होगा। प्रबंधन कोटे में एमबीबीएस सीटों के लिए शुल्क 13.5 लाख रुपये प्रति वर्ष और एनआरआई में है।
By Ashisha Singh RajputEdited By: Updated: Thu, 10 Nov 2022 05:08 PM (IST)
चेन्नई, आईएएनएस। तमिलनाडु सरकार ने गुरुवार को राज्य में सेल्फ-फाइनेंसिंग मेडिकल और डेंटल कॉलेजों को चेतावनी दी। सरकार ने कहा कि छात्रों से निर्धारित से अधिक शुल्क वसूलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 50 से अधिक छात्रों ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा से संपर्क किया था। जिसकी राज्य के स्वास्थ्य सचिव, सेंथिल कुमार ने सरकार के विभाग से शिकायत कर बताया कि कॉलेज छात्रों से निर्धारित दरों से अधिक शुल्क मांग रहे हैं।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव का आह्वान
राज्य के स्वास्थ्य सचिव, सेंथिल कुमार ने सेल्फ-फाइनेंसिंग मेडिकल और डेंटल कॉलेजों से अधिक शुल्क नहीं लेने या उनके लाइसेंस रद्द करने सहित कड़ी कार्रवाई का सामना करने का आह्वान किया। शिकायत के आधार पर, स्वास्थ्य सचिव ने टीएन डॉ. एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध सेल्फ-फाइनेंसिंग मेडिकल कॉलेजों को दो पेज का चेतावनी नोट भेजा है। आपको मालूम हो कि वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान MBBS/BDS के लिए शुल्क में एक लाख रुपये की वृद्धि की गई है।
क्या है नए शुल्क ढांचे में
नए शुल्क ढांचे के साथ, सरकारी कॉलेजों के तहत सेल्फ-फाइनेंसिंग मेडिकल कॉलेजों में भर्ती छात्रों को 4.35 लाख रुपये से 4.50 लाख रुपये के बीच शुल्क देना होगा। प्रबंधन कोटे में एमबीबीएस सीटों के लिए शुल्क 13.5 लाख रुपये प्रति वर्ष और एनआरआई में है। वहीं कोटा प्रवेश का शुल्क यह 24.5 लाख रुपये होगा। शुल्क में शिक्षण शुल्क, प्रवेश शुल्क, विशेष प्रयोगशाला शुल्क शामिल हैं। इसके अलवा, इसमें इंटरनेट उपयोग, खेल शुल्क आदि के शुल्क भी जोड़े गए हैं।
आपको बता दें कि शुल्क में छात्रावास या मेस शुल्क शामिल नहीं है। इसके अलावा, कॉलेज विकास शुल्क के रूप में प्रति व्यक्ति 40,000 रुपये की राशि जमा कर सकते हैं। वहीं टीएन डॉ एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबधित मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मेरिट रैंक के आधार पर ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से किया जाता है।