Move to Jagran APP

मार्च से बढ़ेगा नई दिल्ली का कूटनीतिक तापमान; जी-20 और क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की होगी बैठक

मार्च से भारत में जबरदस्त कूटनीतिक गहमा-गहमी शुरू होने वाली है। जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के साथ ही इस समूह के मंत्रिस्तरीय बैठकों का दौर शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही क्वाड और एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 18 Feb 2023 09:52 PM (IST)
Hero Image
मार्च से बढ़ेगा नई दिल्ली का कूटनीतिक तापमान।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। मार्च से भारत में जबरदस्त कूटनीतिक गहमा-गहमी शुरू होने वाली है। एक तो जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के साथ ही इस समूह के मंत्रिस्तरीय बैठकों का दौर शुरू हो जाएगा। दूसरा, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत इसके सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों, वित्त मंत्रियों, रक्षा मंत्रियों की बैठकों की शुरुआत भी मई, 2023 से होने जा रही है, जो जुलाई तक चलेगी।

कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष करेंगे भारत यात्रा

इसके अलावा आस्ट्रेलिया के पीएम एंथोनी एलबनीस, इटली की जार्जिया मेलोनी और जर्मनी के चांसलर ओलोफ शोल्ज अगले कुछ हफ्तों के भीतर ही भारत के दौरे पर आ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जब यूक्रेन-रूस विवाद काफी हद तक ठंडा हो रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था सामान्य होने की तरफ अग्रसर है तब वैश्विक नेताओं का भारत की तरफ रुख करना काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

एक-दो मार्च को नई दिल्ली में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है। इसमें सभी सदस्य 20 देशों के विदेश मंत्री और भारत की तरफ से विशेष तौर पर आमंत्रित देशों के विदेश मंत्री उपस्थित होंगे। भारत की अगुवाई में जी-20 देशों की बैठक में यह पहली मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। इसके बाद ऊर्जा मंत्रियों, वित्त मंत्रियों, कारोबार मंत्रियों, आइटी मंत्रियों की अलग अलग बैठक होगी। सितंबर में जी-20 की शिखर बैठक से पहले भी एक बार और विदेश मंत्रियों की बैठक होगी।

क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक

सूत्रों ने बताया है कि अगले महीने विदेश मंत्रियों की बैठक के साथ क्वाड (आस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान व भारत का संगठन) के विदेश मंत्रियों की भी बैठक होने वाली है। दरअसल, क्वाड देशों की शिखर सम्मेलन मई में आस्ट्रेलिया में आयोजित करने की तैयारी भी चल रही है। शिखर सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए विदेश मंत्रियों की बैठक होगी।

मार्च में रायसीना डायलाग

विदेश मंत्रियों की इस बैठक के दौरान ही यानी दो से चार मार्च तक नई दिल्ली में रायसीना डायलाग होने जा रहा है, जिसे भारतीय कूटनीति के महाकुंभ के नाम से जाना जाता है। भारत के विदेश मंत्रालय और निजी एजेंसी ओआरएफ की तरफ से आयोजित इस सम्मलेन का उद्घाटन इटली की पीएम जार्जिया मेलोनी की तरफ से होने की संभावना है।

आस्ट्रेलियाई पीएम की भारत यात्रा

इस अवसर पर पीएम नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे। इसके अगले हफ्ते आस्ट्रेलिया के पीएम अलबनीस भारत के दौरे पर आएंगे। यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी और दोनों देशों के बेहद तेजी से मजबूत हो रहे द्विपक्षीय रिश्तों को देखते हुए इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बीच पूरी दुनिया की नजर चार-पांच मई को गोवा में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक पर भी होगी। इसमें चीन, रूस के विदेश मंत्रियों के साथ ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो या विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार के आने की संभावना है।

जुलाई में होगी एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक 

भारत पहले ही कह चुका है कि वह एससीओ से जुड़े सभी देशों के विदेश मंत्रियों को आमंत्रित करेगा। अब पाकिस्तान पर है कि वह अपने विदेश मंत्री को इसमें भेजता है या नहीं। अगर वे आते हैं तो अरसे बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की भारत यात्रा होगी।

इसके बाद जुलाई में संभवत: एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक भारत में होगी। इसके बारे में आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं बताया गया है। कूटनीतिक गतिविधियां सितंबर में और परवान चढ़ेंगी जब आर्थिक तौर पर दुनिया के सबसे ज्यादा शक्तिशाली बीस देशों के प्रमुख नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए उपस्थित होंगे।

यह भी पढ़ें: गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान वाले छह राज्यों में सात करोड़ से अधिक लोगों पर आर्सेनिक का खतरा

यह भी पढ़ें: Fact Check : झूठी है बैंकों के पासबुक के पीछे गीता का सार छपवाने की बात, RBI ने नहीं दिया ऐसा कोई निर्देश