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Meri Mati Mera Desh: अमृत कलश यात्रा समापन समारोह, PM मोदी बोले- सौगंध मुझे इस मिट्टी की भारत भव्य बनाएंगे

अमृत महोत्सव और मेरी माटी-मेरा देश अभियान के समापन समारोह में पीएम ने 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के संकल्पों को दोहराया। प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले वहां एकत्रित सभी लोगों को विकसित भारत बनाने और देश का गौरव बढ़ाने को लेकर शपथ दिलाई गई।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 31 Oct 2023 09:25 PM (IST)
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PM मोदी बोले- सौगंध मुझे इस मिट्टी की भारत भव्य बनाएंगे (Image: ANI)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने के अपने संकल्पों को दोहराते हुए कहा कि इस मिट्टी की सौगंध है हम देश को भव्य बनाकर ही रहेंगे।

इससे पहले उन्होंने देश की माटी को नमन करके इससे तिलक भी किया और कहा कि दुनिया की बड़ी- बड़ी महान सभ्यताएं समाप्त हो गई लेकिन भारत की मिट्टी में वो चेतना है जिसने इस राष्ट्र को अनादिकाल से आज तक बचा कर रखा है। ऐसे में गांव-गांव से यहां लाई गई यह मिट्टी हमें अपने संकल्पों और कर्तव्यों की याद दिलाती रहेगी। इस मौके पर पीएम मोदी ने युवाओं के सपनों को पंख देने के लिए मेरा युवा भारत (मॉय भारत) संगठन का भी शुभारंभ किया।

PM मोदी ने देश का गौरव बढ़ाने को लेकर दिलाई शपथ

प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले वहां एकत्रित सभी लोगों को विकसित भारत बनाने और देश का गौरव बढ़ाने को लेकर शपथ दिलाई गई। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव और मेरी माटी-मेरा देश अभियान के समापन समारोहों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर देश भर से आए एक लाख से ज्यादा युवाओं सहित आजादी के अमृत महोत्सव समारोहों से जुड़े स्वयंसेवक मौजूद थे। जिनमें इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह और उल्लास देखने को मिला।

हमारे वीर सेनानियों ने लड़ी थी आजादी की लड़ाई

पीएम मोदी ने कहा कि कई लोगों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि आखिर मिट्टी या इससे भरे कलशों के साथ अमृत महोत्सव समारोहों का समापन क्यों। यह इसलिए क्योंकि इस मिट्टी की ही सौगंध खाकर हमारे वीर सेनानियों ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी।

उन्होंने इस मौके पर शहीद भगत सिंह को भी याद किया और कहा कि इसी माटी में सौ साल पहले एक छोटा बच्चा लकडि़यां बो रहा था। जब उसके पिता ने पूछा वह क्या बो रहे है, तो उसका जवाब था कि मैं बंदूकें बो रहा हूं। बाद में उसी बालक ने बलिदान की वह ऊंचाई हासिल की, जिसे कोई छू नहीं सकता है। इसी तरह से यह किसानों-वीरों के वंदन और तप की भूमि है। इस माटी को माथे पर लगाने के लिए हम लालायित रहते है। जो माटी का कर्ज चुका दें वही जिंदगानी है। मैं भी इस माटी की सौगंध लेता हूं मैं भारत को भव्य बनाउंगा।

देशवासियों और युवाओं के साथ आने की अपील 

पीएम ने विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रत्येक देशवासियों और युवाओं के साथ आने की अपील की। साथ ही कहा कि जब नीयत नेक होती है, तो नतीजे भी उत्तम मिलते है। आजादी के इस अमृत महोत्सव के दौरान हमने सदी के सबसे बड़े संकट का सफलता पूर्वक मुकाबला किया। दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था पर पहुंचे। चांद पर सफल लैंडिंग की। जी-20 का आयोजन हुआ। नया संसद भवन मिला। निर्यात के नए रिकॉर्ड बनाए। वंदे भारत ट्रेन चलाया।

मेड इन इंडिया व पीएम गति शक्ति का मास्टर सहित अनगिनत बातें है। आजादी के अमृत महोत्सव में ही राजपथ से कर्तव्य पथ का सफर भी तय किया है। गुलामी के प्रतीकों से भी मुक्ति पायी है। इस पहले इस कार्यक्रम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने भी संबोधित किया।

जिन्होंने नहीं देखी थी गुलामी उन्हें इस महोत्सव ने दिलाया याद

पीएम ने कहा कि करीब ढाई साल से चल रहा आजादी का यह अमृत महोत्सव अपने आप में अनूठा रहा। इसने न सिर्फ देश की नई पीढ़ी को आजादी के उन वीर नायकों से परिचित कराया बल्कि गुलामी के दिनों की याद दिलाई जिन्होंने गुलामी नहीं देखी थी।

इन समारोहों के जरिए देश भर में आजादी के वीर सेनानियों की याद में करीब तीन लाख स्मारक बनाए गए। इसके साथ ही करीब ढ़ाई लाख अमृत वाटिकाओं का भी निर्माण हुआ है। वहीं देश भर से लाई गई मिट्टी से अब कर्तव्य पथ पर बनी विशाल अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक का भी पीएम ने शुभारंभ किया। इस वाटिका में देश भर लाई गई मिट्टी को डाला जाएगा।

आजादी के अमृत महोत्सव समारोहों की मार्च 2021 में हुई थी शुरूआत

आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर करीब ढ़ाई साल पहले 12 मार्च 2021 को आजादी के अमृत महोत्सव समारोहों की शुरुआत हुई थी। इस दौरान देश और विदेश में दो लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। मेरी माटी-मेरा अभियान इन समारोहों का अंतिम कार्यक्रम है। इसके तहत एकता का संदेश देने व वीर शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने के लिए गांव-गांव से मिट्टी जुटाई गई। बाद में देश भर के प्रत्येक ब्लाकों से इस मिट्टी को अमृत कलशों में लाकर कर्तव्य पथ पर रखे विशाल भारत कलश में डाला गया।

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