भारत का डिजिटल बुनियादी ढांचा जनहित पर केंद्रित, यह दूसरों के लिए है एक शानदार मॉडल- मेटा
फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंच का परिचालन करने वाली मेटा के वैश्विक मामलों के अध्यक्ष निक क्लेग ने बुधवार को कहा कि भारत में वृहद आधार पर प्रौद्योगिकी आधारित डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा जनहित पर केंद्रित है और यह दूसरों के लिए एक शानदार मॉडल है। क्लेग ने ‘डिजिटल बदलाव भारत की कहानी’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम यह बात कही।
'ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स के साथ कर रहे हैं काम'
उन्होंने कहा कि हम इस समय ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) के साथ काम कर रहे हैं ताकि यह देखा जा सके कि हम और क्या कर सकते हैं। क्लेग के अनुसार, जब डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) के निर्माण की बात आती है, तो भारत में जिस स्तर पर यह हुआ है और सार्वजनिक हित के जिस दर्शन पर आधारित है, वह अपने आप में अनूठा है।
'डिजिटल बदलाव, भारत की कहानी’ विषय पर आयोजित हुआ कार्यक्रम
क्लेग ने कहा कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसकी व्यापक स्तर पर शुरुआत है। साथ ही भले ही यह सरकार के जरिए संचालित नहीं है, लेकिन इसमें यह भी सुनिश्चित किया गया है कि यह एक मुक्त और हर जगह काम करने वाली व्यवस्था हो। इसमें मेरे लिए बड़ी बात यह भी है कि यह जनहित पर केंद्रित है। क्लेग ने ‘डिजिटल बदलाव, भारत की कहानी’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम यह बात कही। इस कार्यक्रम में भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत भी मौजूद थे।क्या बोले अमिताभ कांत
इस मौके पर कांत ने कहा कि प्रौद्योगिकी समाज के लिए एक लंबी छलांग लगाने को हकीकत बनाने में मददगार है क्योंकि यह खुला स्रोत है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिये महत्वपूर्ण है कि वे इसी प्रकार की व्यवस्था अपनायें।