आंग सान सू की पर सेना और सरकार में ठनी
ऐतिहासिक सत्ता परिवर्तन के चंद दिनों के भीतर ही म्यांमार में असैन्य सरकार और सेना के बीच संघर्ष शुरू हो गया है।
ने पी तॉ(म्यांमार)। ऐतिहासिक सत्ता परिवर्तन के चंद दिनों के भीतर ही म्यांमार में असैन्य सरकार और सेना के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। सरकार में आंग सान सू की को ताकतवर भूमिका दिए जाने पर सेना ने नाराजगी जताई है। इसके बावजूद शुक्रवार को संसद के ऊपरी सदन ने उन्हें सरकार का सलाहकार बनाने से जुड़े विधेयक को पारित कर दिया। अब सोमवार को निचले सदन में इस पर बहस होगी।
इससे पहले सैन्य सांसदों ने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए इसका विरोध किया। सैन्य सांसद कर्नल मिंट श्र्वे ने कहा कि यह बिल स्टेट काउंसलर को राष्ट्रपति के बराबर दर्जा देता है जो संविधान के विपरीत है। कुछ सांसदों ने विधेयक को संवैधानिक पीठ के पास भेजने की सलाह दी। लेकिन, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार ने इसे खारिज कर दिया। एनएलडी की बहुमत वाली संसद की एक चौथाई सीटें सैन्य प्रतिनिधियों के लिए आरक्षित हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले तिन क्या की सरकार में सू की पहले से ही विदेश मंत्री हैं। ऊर्जा, राष्ट्रपति कार्यालय जैसे अन्य अहम मंत्रालय भी सू की के अधीन ही हैं। पर स्टेट काउंसलर बनने के बाद उनके पास कैबिनेट और प्रशासनिक फैसलों को प्रभावित करने का अधिकार होगा।
माना जा रहा है कि इससे संवैधानिक प्रावधानों के कारण राष्ट्रपति बनने से वंचित रहीं सू की शीर्ष पद पर आसीन व्यक्ति से भी ताकतवर हो जाएंगी। एनएलडी ने नवंबर में हुए आम चुनावों में सू की के नेतृत्व में जबर्दस्त जीत हासिल की थी।