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भारत-चीन के बीच 19वें दौर की सैन्य कमांडर स्तरीय वार्ता, गतिरोध के स्थानों से चीनी सेना जल्द हटाए जाने की मांग

चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया। कोर कमांडर स्तर की इस वार्ता से पहले स्थानीय सैन्य कमांडरों की भी बातचीत हुई। इन वार्ताओं के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है। इससे पहले 23 अप्रैल को 18वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक के लंबित मुद्दों पर जोर दिया था।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 15 Aug 2023 12:45 AM (IST)
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19वें दौर की बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो में हुई।
नई दिल्ली, पीटीआई: चीन के साथ 19वें दौर की कोर कमांडर स्तरीय वार्ता में भारत ने सोमवार को पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाकी स्थानों से सेनाओं को जल्द पीछे हटाने पर जोर दिया। इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने खास तौर पर देपसांग और डेमचोक में मुद्दों को सुलझाने का आह्वान किया।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि यह बातचीत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो में हुई। यह सुबह करीब 9.30 बजे शुरू हुई और लगभग 10 घंटे तक चली। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली ने किया। इस कोर का मुख्यालय लेह में है।

अप्रैल में हुई थी 18वें दौर की सैन्य वार्ता

चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर ने किया। कोर कमांडर स्तर की इस वार्ता से पहले स्थानीय सैन्य कमांडरों की भी बातचीत हुई। इन वार्ताओं के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है। इससे पहले 23 अप्रैल को 18वें दौर की सैन्य वार्ता हुई थी जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक के लंबित मुद्दों पर जोर दिया था।

उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन वर्ष से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है। हालांकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है।

द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने की आवश्यकता

19वें दौर की यह सैन्य वार्ता ऐसे समय हुई है जब अगले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग हिस्सा लेने वाले हैं। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 24 जुलाई को जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स बैठक के दौरान शीर्ष चीनी राजनयिक (वर्तमान विदेश मंत्री) वांग यी से मुलाकात की थी।