आत्महत्या की घटनाओं पर रोकथाम की जगी 'उम्मीद', गठित होंगी वेलनेस टीमें
स्कूली छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने और ऐसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रत्येक स्कूलों व कोचिंग संस्थानों में ऐसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए एक वेलनेस टीम तैनात होगी। जो न सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों में ऐसी घटनाओं पर रोकथाम लगाएगी बल्कि उनमें पढ़ने वाले ऐसे छात्रों की पहचान भी करेगी।
By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 03 Oct 2023 10:45 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कूली छात्रों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने और ऐसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है।
अब प्रत्येक स्कूलों व कोचिंग संस्थानों में ऐसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने के लिए एक वेलनेस टीम तैनात होगी। जो न सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों में ऐसी घटनाओं पर रोकथाम लगाएगी बल्कि उनमें पढ़ने वाले ऐसे छात्रों की पहचान भी करेगी, जो इस दिशा में सोच रहे या पढ़ाई आदि से चलते अवसाद की स्थिति से गुजर रहे है। स्कूलों में यह टीम प्रिंसिपल के नेतृत्व में काम करेगी, जिसमें उनके अतिरिक्त अनुभवी शिक्षकों और विशेषज्ञ भी शामिल रहेंगे।
शिक्षा मंत्रालय ने 'उम्मीद' दिया नाम
स्कूली बच्चों के आत्महत्या की घटनाओं को रोकने की इस पूरी मुहिम को शिक्षा मंत्रालय ने 'उम्मीद' (अंडरस्टैंड, मोटिव, मैनेज, इम्पथाइज, इम्पावर व डेवलप) नाम दिया है। साथ ही इसे लेकर प्रस्तावित मसौदा जारी कर आम लोगों से राय देने को कहा है।इस वजह से उठाया शिक्षा मंत्रालय ने ये कदम
मंत्रालय की इस पूरी पहल को कोटा में पिछले दिनों स्कूलों में पढ़ाई के साथ नीट व जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के बीच आत्महत्या की बढ़ी घटनाओं से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इसके साथ ही देश में हर साल बोर्ड परीक्षा परिणामों के आने के बाद आत्महत्या की घटनाएं भी देखने को मिलती है।
आत्महत्या की एक भी घटना पीड़ा देने वाली है- मंत्रालय
मंत्रालय का मानना है कि स्कूली बच्चों के बीच आत्महत्या की एक भी घटना पीड़ा देने वाली है। ऐसे में उसकी कोशिश इसे पूरी तरह से रोकने की है। मंत्रालय ने इस मसौदे को लेकर अभिभावकों व शिक्षकों से भी विशेष रूप से अपनी राय देने के लिए कहा है। करीब 16 पन्ने के इस मसौदे में मंत्रालय ने आत्महत्या से जुड़े उन सभी पहलुओं को भी शामिल किया है, जो छात्रों को ऐसी घटनाओं के लिए प्रेरित करते है।
क्या है शिक्षा मंत्रालय का प्रस्तावित मसौदा
शिक्षा मंत्रालय ने प्रस्तावित मसौदे में स्कूलों से इन सभी धारणाओं को खत्म करने की सलाह दी है, जिसमें छात्रों की उनके साथियों से तुलना और सफलता को सिर्फ अंकों से ही तोला जाता है। इसके साथ ही छात्रों को यह बताने के लिए भी कहा है कि सफलता के साथ असफलता भी जुड़ा हुआ होता है। ऐसे में असफलताओं को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है।यह भी पढ़ें- आयुष्मान भव अभियान के तहत 70,000 से अधिक लोगों ने अंगदान का लिया संकल्प: मनसुख मंडाविया