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वरिष्ठ नागरिकों की रेल रियायत बहाल करने को लेकर आगे आया सामाजिक न्याय मंत्रालय

रेल मंत्रालय को पत्र लिखकर वरिष्ठ नागरिक संगठनों की मांगो पर विचार करने का किया अनुरोध रियायत बंद करने के बाद से सैकड़ों शिकायतें मिल चुकी है। कोरोना के चलते मार्च 2020 में रेलवे ने यह रियायत बंद कर थी।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 19 Apr 2023 09:24 PM (IST)
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रेलवे ने संसद के सवालों के जवाब में इसे फिर से बहाल न करने के साफ संकेत दिए थे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना काल में बंद की गई रेल रियायत को बहाल करने की लगातार मांग कर रहे वरिष्ठ नागरिकों के समर्थन में अब केंद्र सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भी आ गया है। मंत्रालय ने इस संबंध में रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर वरिष्ठ नागरिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

रियायत बंद करने के बाद से मिल चुकी है सैकड़ों शिकायतें

मंत्रालय के मुताबिक उनके पास देशभर के वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संगठनों की ओर से इस संबंध में लगातार शिकायतें दर्ज कराई जा रही है। अब तक इसे लेकर सैकड़ों की संख्या में शिकायतें मिल चुकी है। फिलहाल इन सभी शिकायतों को रेलवे को भेजा गया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने यह पहल इसलिए भी की है, क्योंकि वरिष्ठ नागरिकों की देखरेख व सुरक्षा से जुड़े विषयों को देखने के लिए मंत्रालय के अधीन ही एक विभाग भी काम करता है।

उपचार के लिए एक अलग यूनिट बनाने जैसी पहल

फिलहाल इसका फोकस इस समय देश में वरिष्ठ नागरिकों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके अनुकूल सुविधाओं को जुटाने को लेकर है। जिसमें सभी जिलों में कम से कम एक वृद्धाश्रमों का निर्माण, कम कीमत में वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत के उपकरणों की उपलब्धता और प्रत्येक अस्पतालों में उम्रदराज लोगों के उपचार के लिए एक अलग यूनिट बनाने जैसी पहल शामिल है।

वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत की बहाली

मौजूदा समय में देश में करीब 11 करोड़ वरिष्ठ नागरिक है। वर्ष 2030 तक इनकी संख्या 17 करोड़ से ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है। वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत की बहाली को लेकर मंत्रालय की इस पहल से पहले संसद में हाल के सत्रों में भी इसे लेकर काफी सवाल किए गए थे। वहीं संसदीय समिति ने भी इसे फिर से बंद रियायत को शुरू करने की सिफारिश की थी।

बावजूद इसके रेलवे ने संसद के सवालों के जवाब में इसे फिर से बहाल न करने के साफ संकेत दिए थे। साथ ही कहा था कि रेलवे पहले से सभी श्रेणी के यात्री किराए में काफी छूट देती है। कोरोना के चलते मार्च 2020 में ही वरिष्ठ नागरिकों की रियायत बंद कर दी गई थी।