कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय में 300 करोड़ रुपये की हेराफेरी, अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
Karnataka State Open University कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (केएसओयू) ने पूरे देश और विदेशों में भी अपने सहयोगी संस्थान खोले और 300 करोड़ रुपये से अधिक की कथित हेराफेरी की है। सीबीआई ने केएसओयू को कथित हेराफेरी के मामले में उसके अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कई तरह से धोखेदारी की गई है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई ने कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (केएसओयू) के सहयोगी संस्थान के कई कार्यक्रम के दौरान 300 करोड़ रुपये से अधिक की कथित हेराफेरी के मामले में उसके अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मैसूर स्थित विश्वविद्यालय ने पूरे देश और विदेशों में भी अपने सहयोगी संस्थान खोले थे।
प्राथमिकी में कहा गया है, ''सहयोगी संस्थान छात्रों से प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और ऐसे अन्य शुल्क जमा कर रहे थे जिन्हें विश्वविद्यालय में जमा किया जाना आवश्यक था।''
वित्तीय वर्ष 2013-14 और 2014-15 के ऑडिट के दौरान यह सामने आया कि विभिन्न सहयोगी संस्थानों से 50 करोड़ रुपये के क्रेडिट गायब थे।
ऑडिटर ने मिसिंग क्रेडिट में लगभग 250 करोड़ की ऑडिट
दर्ज किए गए एफआईआर में आरोप लगाया गया है, "ऑडिटर ने छात्रों के प्रवेश और विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त धन के आधार पर वित्तीय वर्ष 2009-10 से 2012-2013 के लिए मिसिंग क्रेडिट में लगभग 250 करोड़ रुपये की ऑडिट की।
निष्कर्षों की समीक्षा करने के बाद, विश्वविद्यालय के निदेशक मंडल ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भेज दिया, जिसे राज्य सरकार से मंजूरी मिल गई।
राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसी को कथित दुरुपयोग की जांच का दिया आदेश
राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसी से 2009-10 से 2015-16 तक केएसओयू, मैसूर और देश भर के उसके सहयोगी संस्थानों से एकत्र की गई फीस के कथित दुरुपयोग की जांच करने को कहा है।