Mission 2024: महाभारत युद्ध के पांडव-कौरव की तरह इस चुनाव में भी दो पाले, शाह ने कांग्रेस को याद दिलाई भ्रष्टाचार की 'कलंक कथा'
गृहमंत्री अमित शाह ने यूपीए शासन काल के घोटालों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर लाखों-करोड़ों के घोटाले करने वाली कांग्रेस है और दूसरी ओर पीएम मोदी के रूप में ऐसा नेतृत्व जिन पर 23-23 साल से राज्य और केंद्र सरकार में मुखिया रहने के बाद भी हमारे विरोधी तक एक काली पाई का आरोप न लगा सकें।
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। आगामी लोकसभा महासमर को महाभारत के युद्ध से जोड़ते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने पांडवों-कौरवों की तरह सुशासन और कुशासन के दो पाले खींच दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों का बखान करने के साथ ही कांग्रेस और आइएनडीआइए के सहयोगी विपक्षी दलों के भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए कलंक कथा भी कार्यकर्ताओं को याद दिलाई। पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन शाह ने ऐसे ही तर्क और संदेश जनता के बीच ले जाने का आव्हान कार्यकर्ताओं से करते हुए कहा कि अब यह जनता को तय करना है कि भ्रष्टाचार की पोषक और तुष्टिकरण करने वाली पार्टियां चाहिए या देश के लिए जान न्योछावर करने वाली भाजपा।
इंडी गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण
नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में रविवार को अमित शाह ने तेवर और तर्कों के साथ विपक्ष पर जोरदार वार किए। उन्होंने कहा कि जिस तरह महाभारत की लड़ाई में कौरव और पांडवों के दो खेमे पड़े हुए थे, वैसे ही इस चुनाव में दो खेमे हैं। एक खेमा है मोदी और भाजपा के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन का और दूसरा खेमा है कांग्रेस के नेतृत्व में सारी परिवावादी पार्टियों के इंडी अलायंस का। देश को दोनों में से एक को चुनना है। इंडी गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का पोषक है और भाजपा व एनडीए का गठबंधन राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर चलने वाला है।
यूपीए शासन में भ्रष्टाचार का पोषण
देश की जनता को तय करना है कि यह परिवारवादी पार्टियां चाहिए? भ्रष्टाचार की पोषक और तुष्टिकरण वाली पार्टियां चाहिए या देश के लिए जान न्योछावर करने वाली भाजपा चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडी अलायंस कांग्रेस के नेतृत्व में बना है। इस देश में भ्रष्टाचार की जनक कांग्रेस है और भ्रष्टाचार का पोषण भी कांग्रेस ने किया है। यूपीए शासन काल के घोटालों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर लाखों-करोड़ों के घोटाले करने वाली कांग्रेस है और दूसरी ओर पीएम मोदी के रूप में ऐसा नेतृत्व, जिन पर 23-23 साल से राज्य और केंद्र सरकार में मुखिया रहने के बाद भी हमारे विरोधी तक एक काली पाई का आरोप न लगा सकें।भ्रष्टाचारियों पर कसी नकेल
देश की जनता को तय करना है कि देश का भविष्य भ्रष्टाचारियों के हाथों में सौंपना है या नख-शिख प्रमाणित व्यक्तित्व प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में। कांग्रेस के साथ ही उन्होंने आइएनडीआइए के सहयोगी विपक्षी दलों को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि जब कांग्रेस इतना भ्रष्टाचार करती है तो साथी भला क्यों बाकी रहेंगे। आम आदमी पार्टी ने ढेर सारे घोटाले किए। आज उनका सारा नेतृत्व कोर्ट और एजेंसियों से भागता है। झारंखड में एक सांसद के घर से 350 करोड़ रुपये जब्त होते हैं। छत्तीसगढ़ में महादेव एप के नाम से जुआ खिलाने का घोटाला सामने आता है। डीएमके के मंत्रियों के घर से करोड़ों रुपया बरामद होता है। तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों के घर से अनेक करोड़ रुपये पाए जाते हैं। लालू प्रसाद यादव सजायाफ्ता हैं। पूरा इंडी अलायंस भ्रष्टाचार में लिप्त है।
सात परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन है इंडी अलायंस
अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन पर तीखा तंज भी कसा। आइएनडीआइए की अपने शब्दों में परिभाषा बताई कि सात परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन है इंडी अलायंस, इससे ज्यादा कुछ नहीं है। जो पार्टी के अंदर लोकतंत्र नहीं स्थापित कर सकते, वह देश के लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते। कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में डेवलपमेंट अलायंस है और राहुल गांधी के नेतृत्व में डायनेस्टिक अलायंस है। पीएम मोदी का कहना है कि महान भारत बने, आत्मनिर्भर भारत बने।शरद पवार का लक्ष्य बेटी को सीएम बनाना, सोनिया का राहुल को पीएम
वहीं, सोनिया गांधी का लक्ष्य राहुल को पीएम बनाना, शरद पवार का लक्ष्य बेटी को सीएम बनाना, ममता बनर्जी का लक्ष्य भतीजे को सीएम बनाना, स्टालिन का लक्ष्य अपने बेटे को सीएम बनाना, लालू प्रसाद यादव का लक्ष्य अपने बेटे को सीएम बनाना, उद्धव ठाकरे का लक्ष्य अपने बेटे को सीएम बनाना और मुलायम सिंह बेटे को मुख्यमंत्री बनाकर ही गए हैं। उन्होंने टू-जी, थ्री-जी और फोर-जी को टू जेनरेशन पार्टी, थ्री जेनरेशन पार्टी और फोर जेनरेशन पार्टी बताते हुए कहा कि इन पार्टियों में चार-चार पीढ़ी तक नेता नहीं बदलता है। यदि कोई थोड़ा भी आगे बढ़ा तो उसका हश्र कर देते हैं। ऐसा हश्र किए हुए कई नेता आज भाजपा के साथ लोकतंत्र की यात्रा से जुड़े हैं। तेजस्विता, परफार्मेंस, विचार, परिश्रम और दृष्टि का कोई महत्व नहीं है, वहां सिर्फ इसका महत्व है कि आप कहां जन्मे। यदि भाजपा परिवारवादी पार्टी होती तो एक चाय बेचने वाले का बेटा कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता था।