जल संरक्षण के लिए 'मिशन अमृत सरोवर' होगा मील का पत्थर, लक्ष्य का 60 फीसद कार्य नौ महीने में पूरे
आजादी के अमृत काल के पहले वर्ष के नौ महीनों के भीतर ही अमृत सरोवरों के निर्धारित लक्ष्य का 60 फीसद कार्य पूरा हो चुका है जबकि 15 अगस्त 2023 तक कार्य के पूरा होने का अनुमान है। File Photo
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 09 Feb 2023 08:11 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जल संरक्षण की दिशा में चलाई जा रही योजनाओं से बेहतर नतीजे की उम्मीद है। आजादी के अमृत काल के पहले वर्ष के नौ महीनों के भीतर ही अमृत सरोवरों के निर्धारित लक्ष्य का 60 फीसद कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 15 अगस्त 2023 तक कार्य के पूरा होने का अनुमान है।
भूजल संरक्षण के लिए वरदान है अमृत सरोवर योजना
भूजल संरक्षण के साथ बारिश के पानी को सतह पर जलाशयों में संरक्षित करने के लिए अमृत सरोवर योजना शुरू की गई है। इसी तरह 'जन भागीदारी' के तहत पुराने तालाबों और जलाशयों का पुनरोद्धार के साथ सफाई की जा रही है, जिसमें उसमें उसकी क्षमता के बराबर जल भंडारण किया जा सकेगा।
प्रत्येक जिले में 75 तालाब का लक्ष्य
देश के प्रत्येक जिले में कम से कम 75 नए तालाब और जलाशयों का निर्माण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। 24 अप्रैल 2022 को राष्ट्रीय पंचायती दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि 15 अगस्त 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर कुल 50 हजार अमृत सरोवरों (नए तालाब) का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।इसके अलावा जिन पुराने तालाबों की हालात तंग है, उसमें मिट्टी व गाद भर चुकी है, उसकी सफाई कर उसे नया बना दिया जाएगा। 'मिशन अमृत सरोवर' को सफल बनाने में ग्रामीण विकास की ज्यादातर योजनाओं की भागीदारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने तालाबों व जल भंडारों पर अतिक्रमण करने वालों से उसे खाली कराया जाएगा।
देश में 30 हजार से अधिक तालाब बनकर तैयार
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 30 हजार से अधिक नये तालाब बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 38 हजार पुराने तालाबों की मरम्मत कार्य जारी है, जिनमें जमी गाद को बाहर निकालकर उसकी भंडारण क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। यहां से निकलने वाली मिट्टी व अन्य गाद का उपयोग सड़कों के निर्माण के साथ रेलवे की पटरियों पर बिछाने में किया जा रहा है।आश्चर्य की बात यह है कि इन तालाबों के निर्माण के लिए धन का आवंटन अलग से नहीं किया गया है। इसे जनभागीदारी और अन्य सरकारी योजनाओं को इसमें शामिल किया गया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के प्रभाव से जनभागीदारी बढ़ रही है। किसी भी योजना की सफलता के लिए लोगों की हिस्सेदारी जरूरी है जो मिशन अमृत सरोवर को मिली है।'
यह भी पढ़ें: कम खर्च, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और फंडिंग में आसानी से सिर्फ 7.8 साल में यूनिकॉर्न बन रहे देसी स्टॉर्टअपयह भी पढ़ें: Fact Check : छत्तीसगढ़ के मां चंडी देवी में सैकड़ों साल से चढ़ाई जा रही है चादर, फर्जी है वायरल पोस्ट का दावा