CBI-ED के दुरुपयोग को लेकर कल CJI चंद्रचूड़ की पीठ करेगी सुनवाई, 14 विपक्षी दलों ने SC में डाली है याचिका
Supreme Court on Misuse of Central agencies विपक्षी पार्टियों द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Tue, 04 Apr 2023 03:39 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। Supreme Court on Misuse of Central agencies केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा। CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच 14 विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करेगी।
बता दें कि विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी और जमानत की कार्यवाही के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए एजेंसियों को निर्देश देने के लिए कहा है।
बदले की कार्रवाई का आरोप
बता दें कि सीबीआई और ईडी की कार्रवाई के चलते कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। कांग्रेस, आप, राजद समेत कई पार्टियों का कहना है कि केंद्र सरकार इन एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्षी पार्टियों पर बदले की कार्रवाई कर रही है।CJI की पीठ करेगी सुनवाई
विपक्षी दलों की याचिका पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई करेगी। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला भी बेंच का हिस्सा होंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा 24 मार्च को तत्काल सुनवाई के लिए संयुक्त याचिका का उल्लेख किया गया था।
सिंघवी ने याचिका में यह कहा
अभिषेक सिंघवी ने याचिका में 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद सीबीआई और ईडी द्वारा दायर मामलों की संख्या में वृद्धि का उल्लेख किया। याचिका में कहा गया है कि 2014 के बाद मामलों में भारी उछाल आया है। हालांकि, सजा की दर चार से पांच प्रतिशत ही है। सिंघवी ने कहा कि हम पूर्व-गिरफ्तारी दिशानिर्देश और गिरफ्तारी के बाद की जमानत के दिशा-निर्देश मांग रहे हैं।गलत कार्रवाई का आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया है कि विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं और असहमति के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने वाले अन्य नागरिकों के खिलाफ जबरदस्ती आपराधिक प्रक्रियाओं के उपयोग में खतरनाक वृद्धि हुई है।एक याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों को एक चुनिंदा और लक्षित तरीके से तैनात किया जा रहा है और विपक्ष को घेरा जा रहा है।