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हिंदी पर फिर तकरार, एमके स्टालिन ने पीएम मोदी को लिखा पत्र; कहा- भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर गैर-हिंदी भाषाओं को नीचा दिखाने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध जताया है। उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि बहुभाषी राष्ट्र में गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी माह मनाना अन्य भाषाओं को नीचा दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है। जानिए क्या है पूरा विवाद और स्टालिन ने क्या-क्या कहा।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 18 Oct 2024 09:21 PM (IST)
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स्टालिन ने कहा कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी पर आधारित कार्यक्रमों को टाला जा सकता है। (File Image)
एएनआई, नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह के साथ हिंदी माह समापन समारोह मनाए का विरोध किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि गैर हिंदी भाषी राज्यों में इस तरह का आयोजन अन्य भाषाओं को नीचा दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।

उन्होंने शुक्रवार को भाषाई विविधता और प्रतिनिधित्व पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता है और हिंदी और अंग्रेजी केवल आधिकारिक उद्देश्यों के लिए हैं। उन्होंने गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी भाषा के कार्यक्रमों से बचने का सुझाव दिया।

'अन्य भाषाओं को नीचा दिखाने का प्रयास'

स्टालिन ने इस संबंध में एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'मैं चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह के साथ हिंदी माह समापन समारोह मनाए जाने की कड़ी निंदा करता हूं। माननीय @PMOIndia, भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं देता है। बहुभाषी राष्ट्र में गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी माह मनाना अन्य भाषाओं को नीचा दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है। इसलिए, मेरा सुझाव है कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में इस तरह के हिंदी-उन्मुख आयोजनों को टाला जा सकता है और इसके बजाय संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषा माह मनाने को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।'

स्टालिन ने पीएम मोदी के लिखे पत्र में कहा, 'यह घोषणा की गई है कि हिंदी माह समारोह का समापन समारोह और चेन्नई टेलीविजन का स्वर्ण जयंती समारोह आज शाम चेन्नई में दूरदर्शन तमिल में आयोजित किया जाएगा और तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि विशेष अतिथि होंगे। हिंदी थोपने के इस जबरदस्त प्रयास की कड़ी निंदा की जाती है। भारत में 122 भाषाएं हैं, जो काफी संख्या में लोगों द्वारा बोली जाती हैं और 1599 अन्य भाषाएं हैं।'

एक भाषा को मनाने का कोई औचित्य नहीं: स्टालिन

उन्होंने कहा, 'जब भारत विविधताओं वाला देश है, तो केवल एक भाषा को मनाने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसे देश में जहां 1700 से ज़्यादा भाषाएं बोली जाती हैं, खासकर, ऐसे राज्य में, जहां दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल सिर्फ हिंदी में बोली जाती है, इससे देश की विविधता प्रभावित होगी। इसके लिए केंद्र सरकार को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।'

उन्होंने कहा कि भारत जैसे बहुभाषी देश में गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी माह मनाना दूसरी भाषाओं को कमतर आंकने की कोशिश के तौर पर देखा जाता है। स्टालिन ने अपने पत्र में आगे सुझाव दिया कि यदि संभव हो तो गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी भाषा पर आधारित कार्यक्रमों को टाला जा सकता है या यदि अनुमति दी जाए तो संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषा का उत्सव भी समान उत्साह के साथ मनाया जाना चाहिए।

स्थानीय भाषा माह मनाने का सुझाव

स्टालिन ने सुझाव दिया, 'यदि केंद्र सरकार अभी भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करना चाहती है तो वे भाषाओं के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय भाषा माह भी मना सकते हैं।' तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने लिखा कि भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है और यदि हिंदी माह मनाया जा रहा है तो तमिल भाषा के साथ भी ऐसा ही किया जाना चाहिए।