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सुप्रीम कोर्ट ने विधायक द्वारा दर्ज मामले में फैसला रखा सुरक्षित, केरल यूट्यूबर ने जमानत की मांग को लेकर की थी याचिका

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने क्रमशः आरोपी और विधायक का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और पीवी दिनेश की दलीलें और जवाब सुने। दिनेश ने कहा कि यूट्यूब चैनल के 29 लाख फॉलोअर्स हैं और विधायक को दुर्भावनापूर्ण इरादे से अपमानित किया जा रहा है। दूसरी ओर लूथरा ने कहा कि एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला नहीं बनता है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 15 May 2024 04:31 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूब चैनल चलाने वाले की याचिका को रखा सुरक्षित (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यूट्यूब चैनल मारुनदान मलयाली चलाने वाले शाजन स्करिया की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें विधायक पीवी श्रीनिजिन द्वारा दर्ज एक आपराधिक मामले में केरल उच्च न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत से इनकार करने को चुनौती दी गई थी।

श्रीनिजिन ने स्कारिया के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अपराध के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 'मरुनादन मलयाली' पर अपलोड किए गए एक वीडियो के माध्यम से जानबूझकर झूठे आरोप लगाकर विधायक को अपमानित किया था।

यूट्यूब चैनल के 29 लाख हैं फॉलोअर्स 

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने क्रमशः आरोपी और विधायक का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा और पीवी दिनेश की दलीलें और जवाब सुने। दिनेश ने कहा कि यूट्यूब चैनल के 29 लाख फॉलोअर्स हैं और विधायक को दुर्भावनापूर्ण इरादे से अपमानित किया जा रहा है। दूसरी ओर, लूथरा ने कहा कि एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला नहीं बनता है और इसके अलावा, मानहानि एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध है।

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