मोदी और इब्राहिम ने भारत-मलेशिया संबंधों में जोड़ा नया अध्याय, छह अहम समझौतों पर किए गए हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और मलेशिया अपने द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करना चाह रहे हैं जो 2019 में मुस्लिम बहुल जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के कदम से प्रभावित हुए थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी और पीएम अनवर इब्राहिम ने भारत व मलेशिया के रिश्तों के नये युग की नींव रख दी है। मंगलवार को दोनों नेताओं की अगुवाई में हुई द्विपक्षीय वार्ता ने मलेशिया के पूर्व पीएम महाथिर मोहम्मद के कार्यकाल में भारत-मलेशिया के रिश्तों में जो तनाव घोला था वह पूरी तरह से खत्म हो गई।
बैठक में द्विपक्षीय रिश्तों के दर्जे को बढ़ा कर समग्र रणनीतिक साझेदारी कर दिया गया। इसके तहत अब दोनों देशों की सरकार आर्थिक व रक्षा क्षेत्र में संबंधों को ज्यादा प्रगाढ़ करने के लिए गंभीर और लक्ष्य निर्धारित कोशिश करेंगे।
भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आये मलेशियाई पीएम
मलेशियाई पीएम ने भारत से रक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर उत्सुकता दिखाई है जबकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए नये समझौते पर शीघ्र वार्ता करने की सहमति बनी है। इब्राहिम सोमवार को देर रात भारत के तीन दिवसीय दौरे पर आये हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों के समक्ष आपसी संबंधों को लेकर छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। इसमें एक समझौता मलेशिया में भारतीय मजदूरों को रोजगार के ज्यादा अवसर देने व उन्हें बेहतर समाजिक-आर्थिक सुरक्षा देने को लेकर है।
मलेशिया और भारत के बीच अहम समझौता
यह समझौता मलेशिया की कंपनियों को आसानी से भारतीय मजदूरों की नियुक्ति करने की राह खोलेगा। अब वहां भारतीय श्रमिक हर उस सेक्टर में काम कर सकते हैं जहां विदेशी मजदूरों को काम करने की अनुमति है। आयुर्वेद, पर्यटन जैसे क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी समझौते हुए हैं। इब्राहिम से आधिकारिक स्तरीय वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा कि, “आज हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा की। हमारे द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर प्रगति हो रही है। हम रुपये और रिंगिट में भी व्यापार कर रहे हैं।
भारत में 5 बिलियन डॉलर का निवेश
वर्ष 2023 में मलेशिया से भारत में 5 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ है। आज हमने निर्णय लिया है कि हमारी साझेदारी को “समग्र रणनीतिक साझेदारी'' के रूप में बदला जाएगा। आर्थिक सहयोग में अभी और बहुत क्षमता है। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश का विस्तार किया जाना चाहिए। नए तकनीकी क्षेत्रों सेमीकंडक्टर, फिनटेक, रक्षा उद्योग, आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यू¨टग में सहयोग बढ़ाना चाहिए।
स्टार्ट अप में भी सहयोग बढ़ाने का फैसला
डिजिटल प्रौद्योगिकी व स्टार्ट अप में भी सहयोग बढा़ने का फैसला किया गया है। भारत के यूपीआइ और मलेशिया के पे-नैट को जोड़ने का काम भी किया जाएगा। हम दोनों ने रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग की नई संभावनाओं पर भी बात की है। आतंकवाद और अतिवाद के खिलाफ लड़ाई में भी हम एकमत हैं। 'मोदी ने मलेशिया का दक्षिण पूर्वी एशिया में भारत का एक अहम साझेदार के तौर पर चिन्हित किया।
रुपये व रिंगिट में होगा कारोबार
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष से दोनों देशों के बीच स्थानीय मुद्रा रुपये व रिंगिट में कारोबार शुरू हो गया है। पीएम मोदी और पीएम इब्राहिम ने अपने अपने संबंधित मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि द्विपक्षीय कारोबार का निपटान स्थानीय मुद्रा में करने को बढ़ाया जाए। मलेशिया की तरफ से भारत के कुछ रक्षा उपकरणों को लेकर रूचि दिखाई गई है। इस बारे में आगे विमर्श होगा।देर शाम दोनों देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में समुद्री क्षेत्र में हर देश को कानून सम्मत तरीके सव शांतिपूर्ण तरीके से कारोबार करने या आवागमन करने की इजाजत मिलने का समर्थन किया है।
कानून यूएनक्लोस-1982 का पालन
साथ ही इस स संबंध में संयुक्त राष्ट्र के कानून यूएनक्लोस-1982 का पालन करने का समर्थन किया है। यह बात चीन के संदर्भ में कही गई है जिसने साउथ चीन समुद्री इलाके में संयुक्त राष्ट्र के कानून का पालन करने से इनकार किया है। यूएनक्लोस-1982 ने अपने एक फैसले में चीन को उक्त इलाके से हटने का निर्देश दिया था। उसके बाद से ही हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर वैश्विक हलचल बढ़ी हुई है। भारत ने मलेशिया के ब्रिक्स संगठन में शामिल होने का समर्थन भी किया है।
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