रेल कर्मचारियों को बोनस, कृषि योजनाओं को मंजूरी; पांच भाषाओं पर भी एलान... पढ़ें मोदी कैबिनेट के बड़े फैसले
Modi Cabinet Big Decision दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों और कृषि योजनाओं का लेकर बड़ा एलान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए गए। इस बैठक में रेलवे कर्मचारियों को बोनस और दो प्रमुख कृषि योजनाओं को मंजूरी का एलान किया गया। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए हैं। इसमें एक प्रमुख फैसले के तहत रेलवे कर्मचारियों को आने वाले त्योहारों के पहले 78 दिनों का बोनस दिया जाएगा। इस पर कुल दो हजार 28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका फायदा 11 लाख 72 हजार 240 कर्मचारियों को मिलेगा।
रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस
बैठक के बाद फैसलों की जानकारी देते हुए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे में अभी 13 लाख से अधिक कर्मचारी हैं। इनमें लगभग एक लाख 59 हजार कर्मचारियों ने पिछले वित्त वर्ष में ज्वाइन किया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक पात्र कर्मचारी को 78 दिनों के लिए अधिकतम 17,951 रुपये मिलेंगे।
छुट्टियों से पहले मिलेगा बोनस
बोनस के पैसे रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, तकनीशियन, तकनीशियन हेल्पर, ग्रुप सी स्टाफ, प्वाइंट्स मैन, मिनिस्टि्रयल स्टाफ एवं अन्य को भुगतान किए जाएंगे। यह पात्र कर्मचारियों को प्रदर्शन में सुधार की दिशा में प्रेरित करने के लिए प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा की छुट्टियों से पहले प्रोत्साहन के रूप दिया जाता है। वर्ष 2023-2024 में रेलवे का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।कृषि योजनाओं को भी मंजूरी
पीटीआई के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट ने दो प्रमुख कृषि योजनाओं को भी मंजूरी दी है। पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना के तहत एक लाख करोड़ से अधिक रुपये के खर्च से कृषि और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाएगा। केंद्र सरकार पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से सीमित प्राकृतिक संसाधनों के जरिये कृषि की निरंतरता कायम की जाएगी।
राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी
साथ ही कृषोन्नति योजना से खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल की जाएगी। इन दोनों योजनाओं की कुल लागत 1,01,321.61 करोड़ रुपये होगी। इसके अलावा, कैबिनेट ने भारत को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। सरकार ने खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी है।प्राथमिक उत्पादन को बढ़ाना
सरकार ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि इस मिशन का मकसद तिलहन के प्राथमिक उत्पादन को बढ़ाना है। भारत अभी भी अपनी सालाना जरूरतों को पूरा करने के लिए 50 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेलों का आयात करता है। भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम आयल मंगाता है, सोयाबीन तेल ब्राजील व अर्जेंटीना से आयात करता है और सनफ्लावर मुख्यत: रूस और यूक्रेन से मंगाता है।