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किसानों से लेकर रेल व केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मोदी सरकार का तोहफा, बटुए में आएगा अब ज्यादा पैसा

केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों से लेकर रेल व केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी दी है। सरकार ने छह रबी फसलों के एमएसपी में इजाफा किया है। केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में चार फीसदी का इजाफा करने का भी एलान किया है।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Wed, 18 Oct 2023 09:41 PM (IST)
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केंद्र सरकार ने किसानों से लेकर केंद्रीय कर्मचारियों तक के लिए राहत दी है (जागरण ग्राफिक्स)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है। गेहूं समेत छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में दो से सात प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार बनने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है।

गेहूं के एमएसपी में 150 रुपये इजाफा

गेहूं के एमएसपी को 150 रुपये बढ़ाकर अब 2,275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सबसे ज्यादा वृद्धि मसूर दाल के एमएसपी में 425 रुपये की हुई है। मकसद है कि आम आदमी को दाल संकट से राहत मिले एवं किसानों के मुनाफे में वृद्धि हो।

संसदीय चुनाव से पहले केंद्र के इस कदम के राजनीतिक मतलब भी निकाले जा रहे हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी इसके असर से इन्कार नहीं किया जा सकता है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन वर्ष 2024-25 के लिए यह फैसला लिया है ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाया जा सके। इससे फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

रबी की फसलों में बढ़ी एमएसपी

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिश के आधार पर मसूर दाल के बाद सबसे ज्यादा राई एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। गेहूं के बराबर कुसुम के एमएसपी में भी 150 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। जौ के एमएसपी में 115 एवं चने के लिए 105 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को उपज की लागत के राष्ट्रीय औसत से कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर निर्धारित करने की बात कही गई थी।

महंगाई भत्ता 4 फीसदी बढ़ा

सरकार ने त्योहार के मौके पर केंद्रीय कर्मचारियों व केंद्रीय पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। रेलवे के सभी गैर राजपत्रित कर्मचारियों को भी 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस दिया जाएगा। यह फैसले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए।

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इन फैसलों के बारे में बताया कि महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी इस साल एक जुलाई से लागू मानी जाएगी। इसका लाभ 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों व 67.95 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा। महंगाई राहत के नाम से पेंशनभोगियों को यह लाभ मिलता है। अभी केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता मूल वेतन व पेंशन का 42 प्रतिशत है, अब यह बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगा। इस फैसले से सरकारी खजाने पर 12,857 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा।

रेलवे कर्मचारियों के लिए बोनस का एलान

कैबिनेट ने रेल ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, गार्ड, स्टेशन मास्टर, पर्यवेक्षक, टेक्नीशियन, हेल्पर, प्वाइंट्समैन समेत रेलवे के विभिन्न विभाग व मंत्रालय के सभी गैर राजपत्रित 11,07,346 कर्मचारियों के लिए 1968.87 करोड़ रुपये के उत्पादकता आधारित बोनस के भुगतान की मंजूरी दी है। वर्ष 2022-23 में रेलवे का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। इस दौरान रेलवे ने 150.9 करोड़ टन माल की ढुलाई की और लगभग 6.50 अरब यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।

दूसरी तरफ केंद्र सरकार के जिन कर्मचारियों को उत्पादकता आधारित बोनस का लाभ नहीं मिलेगा, उनके लिए गत मंगलवार की देर शाम वित्त मंत्रालय ने दिवाली बोनस की घोषणा की थी। इस बोनस के मद में 7000 रुपये की अधिकतम सीमा तय की है। इसका लाभ ग्रुप सी व गैर राजपत्रित ग्रुप बी के कर्मचारियों को मिलेगा।

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