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मोदी कैबिनेट ने रेलवे के लिए कर दिया बड़ा एलान, इंदौर से मुंबई को जोड़ेगी नई रेल लाइन; 1000 गांवों को होगा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने इंदौर और मुंबई के बीच एक नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। रेल मंत्रालय लगभग रु18036 करोड़ की कुल लागत पर इस परियोजना को कार्यान्वित करेगा। सीसीईए ने सोमवार को एक बयान में कहा इंदौर और मनमाड के बीच नई लाइन सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Mon, 02 Sep 2024 05:48 PM (IST)
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इंदौर से मुंबई को जोड़ेगी नई रेल लाइन (फाइल फोटो)
एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने इंदौर और मुंबई के बीच एक नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। रेल मंत्रालय लगभग रु18,036 करोड़ की कुल लागत पर इस परियोजना को कार्यान्वित करेगा।

सीसीईए ने सोमवार को एक बयान में कहा इंदौर और मनमाड के बीच नई लाइन सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, इससे भारतीय रेलवे की दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी।

महाराष्ट्र और MP के छह जिलों को कवर करेगी परियोजना

यह परियोजना दो राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के छह जिलों को कवर करती है, और मौजूदा भारतीय रेलवे नेटवर्क को लगभग 309 किमी तक बढ़ाएगी।

इस परियोजना के साथ, 30 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे बड़वानी के आकांक्षी जिले से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। नई लाइन परियोजना लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख की आबादी को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।

धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या में होगा बढ़ावा

सीसीईए के बयान में कहा गया है कि यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत आती है, जिसे एकीकृत योजना के माध्यम से संभव बनाया गया है। यह लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

यह परियोजना देश के पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी भागों और मध्य भारत के बीच एक छोटा मार्ग प्रदान करके क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटक और धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

यह परियोजना पीथमपुर ऑटो क्लस्टर को सीधी कनेक्टिविटी भी प्रदान करेगी, जिसमें 90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम इंडस्ट्री हैं, जो उन्हें जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से जोड़ेगी।