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जल्द लागू होगा 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का नियम, NDA के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सामने आई खास जानकारी

भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के अंदर एक राष्ट्र एक चुनाव लागू करेगी उन्होंने विश्वास जताया कि उन्हें पार्टी लाइनों से समर्थन मिलेगा। सूत्रों की तरफ से ये जानकारी सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर सामंजस्य शेष कार्यकाल तक जारी रहेगा।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 15 Sep 2024 05:11 PM (IST)
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कब लागू होगा 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का नियम (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल के अंदर 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू करेगी, उन्होंने विश्वास जताया कि उन्हें पार्टी लाइनों से समर्थन मिलेगा। सूत्रों की तरफ से ये जानकारी सामने आई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के अंदर सामंजस्य शेष कार्यकाल तक जारी रहेगा। एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'निश्चित रूप से, इसे इसी कार्यकाल में लागू किया जाएगा। यह एक वास्तविकता होगी।'

'देश को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए आगे आना होगा'

पिछले महीने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में, प्रधान मंत्री ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की जोरदार वकालत की और तर्क दिया कि बार-बार होने वाले चुनाव देश की प्रगति में बाधाएं पैदा कर रहे हैं। मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, 'देश को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए आगे आना होगा।''

प्रधानमंत्री ने राजनीतिक दलों से लाल किले से और राष्ट्रीय तिरंगे को साक्षी मानकर देश की प्रगति सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने पार्टियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग आम आदमी के लिए किया जाए और कहा, 'हमें 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के सपने को साकार करने के लिए आगे आना होगा।'

100 दिनों के अंदर निकाय चुनाव की सिफारिश

एक राष्ट्र, एक चुनाव' लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में बीजेपी की तरफ से किए गए प्रमुख वादों में से एक है। इस साल मार्च में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता वाले एक उच्च-स्तरीय पैनल ने पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की, जिसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की गई।