Move to Jagran APP

143 दवा कंपनियों को जारी किए कारण बताओ नोटिस, कफ सीरप के निर्यात को लेकर एक्शन में मोदी सरकार

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों के साथ मिलकर 162 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद 143 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 40 मामलों में उत्पादन रोकने का आदेश जारी किया गया। 66 मामलों में उत्पाद का निरस्तीकरण व निलंबन और 21 मामलों में चेतावनी पत्र जारी किया गया।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 08 Aug 2023 09:39 PM (IST)
Hero Image
143 दवा कंपनियों को जारी किए कारण बताओ नोटिस, कफ सीरप के निर्यात को लेकर एक्शन में सरकार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों के साथ मिलकर 162 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद 143 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी। उन्होंने कहा कि 40 मामलों में उत्पादन रोकने का आदेश जारी किया गया। 66 मामलों में उत्पाद का निरस्तीकरण व निलंबन और 21 मामलों में चेतावनी पत्र जारी किया गया। एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई और औषधि नियम, 1945 के प्रविधान के तहत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया।

900 से अधिक कफ सीरप के नमूनों का किया विश्लेषण

उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय, वाणिज्य विभाग, वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने कफ सीरप की निर्यात नीति में संशोधन के लिए गत 22 मई को अधिसूचना जारी की। इसमें एक जून से अपने उत्पादों को निर्यात करने से पहले अनुमोदित प्रयोगशाला से सरकार का विश्लेषण प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य हो गया। इसके तहत 900 से अधिक कफ सीरप के नमूनों का विश्लेषण किया गया और विश्लेषण प्रमाण-पत्र जारी किया गया।

6500 टिप्पणियों पर विचार करवाए गए

एनईएक्सटी के नियमगत 27 जून को अधिसूचित नेशनल एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) के नियमों को परामर्श प्रक्रिया के दौरान प्राप्त लगभग 6500 टिप्पणियों पर विचार करने के बाद राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा तैयार किया गया था। विश्वविद्यालयों व राज्य चिकित्सा परिषदों की मौजूदगी में एनएमसी की बैठक में मसौदा नियमों पर चर्चा कर मंजूरी दी गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि तमिलनाडु सहित छात्रों ने कुछ आशंकाएं जताई थीं। इन पर विचार किया गया और 13 जुलाई को सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से एनईएक्सटी को स्थगित कर दिया गया।

धोखाधड़ी का पता लगाने को किया जा रहा एआई का प्रयोग

भारत सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में संदिग्ध लेनदेन व संभावित धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) व मशीन लर्निंग का प्रयोग कर कर रही है। इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग योजना के कार्यान्वयन में स्वास्थ्य संबंधी धोखाधड़ी की रोकथाम, पता लगाने और निवारण के लिए किया जाता है। यह पात्रों को उचित उपचार सुनिश्चित करने में भी सहायक हैं। एक सवाल का जवाब देते हुए मंगलवार को स्वास्थ्य राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने उच्च सदन को बताया कि एक अगस्त क योजना के तहत 24.33 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।

आठ राज्यों में चार लाख हेक्टेयर भूमि पर हो रही प्राकृतिक खेती

आठ राज्यों में तकरीबन 4.09 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया गया है। इन आठ राज्यों में आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं। केंद्र परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति उपयोजना के माध्यम से प्राकृतिक खेती को 2019-20 से बढ़ावा दे रहा है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी। उन्होंने बताया कि आठ राज्यों में से आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक तकरीबन एक लाख हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया गया है।