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'अपना आधार खो चुका है नक्सलवाद' अमित शाह बोले- मोदी सरकार ने जीता नक्सल प्रभावित इलाकों के गरीबों का दिल

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामक नीतियों के बदौलत वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में निर्णायक सफलता मिली है। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित जिलों को समेकित विकास की दूरदर्शी नीतियों की वजह से उसका जनाधार खत्म हो चुका है। अमित शाह के अनुसार नक्सलवाद के खात्मे के लिए मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में समेकित नीति अपनाई।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 23 Feb 2024 08:30 PM (IST)
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अपना आधार खो चुका है नक्सलवादः अमित शाह
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले नौ सालों में नक्सली हिंसा में आई कमी और नक्सलवाद के सिमटे दायरे का हवाला देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के आधार के खात्मे का ऐलान किया है।

वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में मिली सफलताः शाह

एक्स पर वीडियो के साथ कई पोस्ट जारी करते हुए अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामक नीतियों के बदौलत वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में निर्णायक सफलता मिली है। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित जिलों को समेकित विकास की दूरदर्शी नीतियों की वजह से उसका जनाधार खत्म हो चुका है। ध्यान देने की बात है कि अमित शाह अगले तीन सालों में नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान कर चुके हैं।

नक्सलियों की फंडिंग रोकने के किये गए प्रयास

अमित शाह के अनुसार नक्सलवाद के खात्मे के लिए मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में समेकित नीति अपनाई। इसके तहत एक ओर सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की खुली छूट दी गई और उन्हें जरूरी सुविधाओं और साजो सामान से लैस किया गया। दूसरी ओर नक्सलियों के खाली कराए गए क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को तेजी से पहुंचाया गया ताकि वहां की जनता दोबारा नक्सलियों के भ्रामक प्रचार से बच सके। इसके साथ ही इस दौरान नक्सलियों की फंडिंग रोकने के भी प्रयास किये गए।

 ईडी और एनआईए ने इन लोगों पर की कार्रवाई

अमित शाह के अनुसार 2019 के बाद से पांच सालों में नक्सल इलाकों में सुरक्षा बलों के 195 नए कैंप, 250 किलेबंद थाने बनाने के साथ ही 10 टास्क फोर्स का गठन किया गया। इसी तरह से ईडी और एनआईए ने नक्सलियों की फंडिंग से जुड़े लोगों पर कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति को जब्त करने का काम किया है।

आधारभूत संरचनाओं ने निभाई अहम भूमिका

अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद के खात्मे के कगार पर पहुंचाने में मोदी सरकार की स्वास्थ्य व शिक्षा संबंधी आधारभूत संरचनाओं के निर्माण ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस सिलसिले उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के साथ-साथ बड़े पैमाने पर एकलव्य विद्यालयों और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना का हवाला दिया। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने यहां के गरीबों का दिल जीतने का काम किया है। इसके लिए राज्य सरकारों से समन्वय के साथ काम किया गया है।

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क्या कहते हैं आंकड़े?

 नक्सलवाद पर काबू करने में मिली सफलता को आंकड़ों में देखा जा सकता है। 2004-2014 के मुकाबले 2014-2023 के बीच नक्सली हिंसा में 52 फीसद और मृतकों की संख्या में 69 फीसद की कमी आई है। इसी तरह नक्सली हिंसा में मरने वाले सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या में 72 फीसद की गिरावट आई है। 2010 में देश में कुल 96 जिले नक्सलवाद से प्रभावित थे, जिनकी संख्या अब 45 रह गई है। 

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