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मोदी सरकार की बढ़ेगी और ताकत, इस दल का NDA में आना लगभग तय

अपने दम पर बहुमत के आंकड़े से दूर केंद्र की मोदी सरकार की ताकत में जल्द इजाफा होने वाला है। दक्षिण भारत का एक प्रमुख यियासी दल एआईएडीएमके का एनडीए में आना लगभग तय है। एआईएडीएमके के आने से मोदी सरकार की ताकत उच्च सदन में बढ़ेगी। बता दें कि दोनों दलों ने लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था। मगर खाता तक नहीं खुला था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 20 Jul 2024 10:00 PM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिलेगा एक और दल का साथ। (फाइल फोटो)

नीलू रंजन, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अलग-अलग लड़ने के बाद तमिलनाडु खाता खोलने में विफल रही भाजपा और एआईएडीएमके फिर से साथ में आ सकते हैं। एआईएडीएमके की राजग में वापसी के लिए भाजपा सही समय का इंतजार कर रही है। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले यह सुनिश्चित माना जा रहा है, लेकिन उसके पहले भी एआईएडीएमके की राजग में वापसी हो सकती है।

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ध्यान देने की बात है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्ना मलाई के बयान और क्रिया-कलापों से खफा होकर एआईएडीएमके ने पिछले साल अक्टूबर में राजग से बाहर जाने का फैसला किया था। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद तमिलसाई सुंदरराजन जैसे भाजपा के प्रदेश स्तर के कई नेता एआईएडीएमके से अलग चुनाव मैदान में उतरने के पार्टी के फैसले पर सवाल उठा चुके हैं।

क्या लोकसभा चुनाव में चूक गई भाजपा?

पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का भी मानना है कि एआईएडीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की स्थिति में लोकसभा के नतीजे काफी बेहतर हो सकते थे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार भाजपा तमिलनाडु में 11.4 फीसद मतों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में जरूर सफल रही, लेकिन सीट जीतने के लिए यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके तमिलनाडु में भाजपा की स्वाभाविक साझीदार है और दोनों दलों को साथ आने में कोई समस्या नहीं होगी।

राज्यसभा में बढ़ेगी सरकार की ताकत

एआईएडीएमके के राज्यसभा में चार सांसद हैं, उसके आने से राजग की स्थिति उच्च सदन में मजबूत होगी। एआईएडीएमके की राजग में वापसी स्थिति में भाजपा को अपने प्रदेश अध्यक्ष अन्ना मलाई की भूमिका पर भी नए सिरे से विचार करना पड़ सकता है।

अन्ना मलाई से एआईएडीएमके खफा

एआईएडीएमके की नाराजगी अन्ना मलाई से है और वह उन्हें नियंत्रित करने के लिए दबाव बना सकता है। भाजपा के एक शीर्ष नेता ने कहा कि अभी तक राजग में वापसी के लिए एआईएडीएमके के नेताओं के साथ बातचीत शुरू नहीं हुई है, लेकिन इसमें ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके और भाजपा दो दशक से अधिक समय से एक-दूसरे से साझीदार रह चुके हैं और दोनों ओर से इसे फिर से कायम करने की जरूरत महसूस की जा रही है।

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