Move to Jagran APP

10 साल में 13 गुना बढ़ा शहरी विकास पर खर्च, अब राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ाने की तैयारी; पढ़ें क्या है केंद्र का प्लान

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय का कहना है कि फिलहाल उसकी नई योजना लाने की कोई प्लानिंग नहीं है। मंत्रालय अभी मौजूदा कार्यक्रमों पर ही फोकस बढ़ा रहा है। साथ ही 16वें वित्त आयोग की सिफारिशें सामने आने का इंतजार किया जा रहा है। यह संभव है कि शहरी विकास में राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ाई जाए। पढ़ें क्या है केंद्र की पूरी प्लानिंग।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 04 Nov 2024 10:35 PM (IST)
Hero Image
आठ नए शहर बसाने की योजना भी फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। (File Image)
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय शहरी विकास की कोई नई योजना लाने के बजाय मौजूदा कार्यक्रमों को ही आगे बढ़ाने के मूड में है। सौ शहरों को विकसित करने के 2016 में शुरू किया गया स्मार्ट सिटी मिशन अगले साल मार्च में समाप्त हो जाएगा और इसके स्थान पर इसी तरह का कोई कार्यक्रम शुरू नहीं होगा। आठ नए शहर बसाने की योजना पर भी कोई हलचल नहीं हो रही है, जिस पर आठ हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे।

फिलहाल मंत्रालय पीएम आवास योजना, पीएम स्वनिधि, दीनदयाल उपाध्याय शहरी आजीविका मिशन, शहरों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए चल रहे अमृत मिशन-2 के क्रियान्वयन पर ही ध्यान केंद्रित कर रहा है और इंतजार 16वें वित्त आयोग की सिफारिशें सामने आने का किया जा रहा है। इसके बाद ही शहरी विकास की दिशा तय होगी।

13 गुना बढ़ा शहरी विकास पर खर्चा

यह संभव है कि शहरी विकास में राज्यों की जिम्मेदारी बढ़ाई जाए, खासकर नियोजन में उनकी भूमिका और अधिक बढ़ सकती है। मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार किसी नई योजना की अभी जरूरत नहीं है। पिछले दस सालों में शहरी विकास के लिए जो आवंटन और व्यय किया गया है, वह अभूतपूर्व है। 2004-2014 के मुकाबले 2014 से 2024 के बीच शहरी विकास पर किया गया खर्च 13 गुना है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।

अधिकारी ने कहा कि वित्त आयोग को दिए जाने वाले प्रस्ताव को हमने लगभग तैयार कर लिया है। इसके लिए कई उपसमूहों का गठन किया गया था, जिसने शहरों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए कई सुझाव देने के साथ ही प्रशासनिक सुधारों की भी जरूरत जताई है। अब वित्त आयोग की ओर से राज्यों को पैसों के आवंटन की जैसी सिफारिशें मिलेंगी, वैसा ही हम करेंगे।

15वें वित्त आयोग ने की थी सुधारों की वकालत

गौरतलब है कि 15वें वित्त आयोग ने सुधारों की वकालत की थी और इसी के अनुरूप राज्यों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि बड़े शहरों के साथ उनके आसपास वाले क्षेत्रों पर योजनाएं केंद्रित करने की जरूरत है। इन क्षेत्रों का नियोजित विकास सबसे अधिक जरूरी माना जा रहा है। राज्यों के साथ इसको लेकर परामर्श चल रहा है। राज्यों को इसके लिए कई तरह के प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं।

सरकार का मानना है कि इससे कई लाभ हासिल किए जा सकते हैं। एक तो शहरी विकास की रफ्तार तेज होगी और दूसरे शहरों पर आबादी के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी, जो अभी अव्यवस्था के शिकार हैं। हो सकता है कि इसी तरह की सिफारिश 16वें वित्त आयोग की ओर से की जाए। अरविंद पानगड़िया की अध्यक्षता में इस आयोग का गठन 2023 में किया गया था। इसके अगले मई-जून तक अपनी रिपोर्ट देने की संभावना है।