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वन नेशन-वन इलेक्शन पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, तीन विधेयक लाने की तैयारी; पढ़ें पूरा प्लान

कोविन्द समिति ने तीन अनुच्छेदों में संशोधन करने मौजूदा अनुच्छेदों में 12 नए उप-खंडों को शामिल करने और विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन कानूनों में फेरबदल का प्रस्ताव रखा था। आम चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च में सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने दो चरणों में एक देश एक चुनाव को लागू करने की सिफारिश की थी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Sun, 29 Sep 2024 10:10 PM (IST)
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एक देश-एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार गंभीर (File Photo)
पीटीआई, नई दिल्ली। एक देश-एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है। लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों का चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार की ओर से तीन विधेयक लाए जाने की संभावना है। इनमें दो विधेयक संविधान संशोधन के लिए लाए जाएंगे।

कोविन्द समिति की सिफारिशें

एक संविधान संशोधन विधेयक स्थानीय निकायों का चुनाव लोकसभा और विधानसभाओं के साथ कराए जाने के लिए लाया जाएगा। इसके लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की जरूरत होगी। एक देश एक चुनाव की योजना पर आगे बढ़ते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकृति दी थी।

पहला संविधान संशोधन विधेयक

सूत्रों ने बताया कि पहला संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने के लिए होगा। प्रस्तावित विधेयक में अनुच्छेद 82ए में संशोधन करने की कोशिश की जाएगी। इसमें 'नियत तिथि' से संबंधित उप-खंड (1) जोड़ा जाएगा। इस विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल एक साथ खत्म होने का प्रविधान किया जाएगा।

राज्यों के समर्थन की आवश्यकता नहीं

इस संविधान संशोधन विधेयक में लोकसभा की अवधि और विघटन से संबंधित नए नियम भी शामिल किए जाएंगे। इसमें विधानसभाओं के विघटन से संबंधित प्रविधान भी शामिल किए गए हैं। अनुच्छेद 327 में संशोधन करके 'एक साथ चुनाव' शब्द शामिल करने का प्रविधान किया जा सकता है। इस विधेयक को 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी।

दूसरा संविधान संशोधन विधेयक

दूसरे संविधान संशोधन विधेयक को 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं के समर्थन की आवश्यकता होगी, क्योंकि यह राज्य के मामलों से जुड़ा हुआ है। इस विधेयक के जरिये स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने का प्रविधान किया जाएगा। इसके लिए चुनाव आयोग को राज्य चुनाव आयोगों के साथ परामर्श करना होगा, जिसके बाद चुनाव आयोग मतदाता सूची तैयार करेगा।

चुनाव कराने का प्रविधान

संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग अलग-अलग संस्थाएं हैं। चुनाव आयोग राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और राज्य विधान परिषदों के लिए चुनाव कराता है। राज्य चुनाव आयोग नगर पालिकाओं और पंचायतों जैसे स्थानीय निकायों का चुनाव कराता है। प्रस्तावित दूसरे संविधान संशोधन विधेयक में एक नया अनुच्छेद 324ए जोड़कर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों के साथ-साथ नगर पालिकाओं और पंचायतों का चुनाव कराने का प्रविधान किया जाएगा।

तीसरा विधेयक साधारण

तीसरा विधेयक एक साधारण विधेयक होगा, जो विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों जैसे-पुडुचेरी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से संबंधित होगा। यह तीन कानूनों के प्रविधानों में संशोधन करेगा, ताकि इन सदनों की शर्तों को अन्य विधानसभाओं और लोकसभा के अनुरूप किया जा सके।

इसमें जिन कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव है, वे हैं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम-1991, केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम-1963 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019।

प्रस्तावित विधेयक एक साधारण कानून होगा, जिसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके लिए राज्य विधानसभाओं के समर्थन की जरूरत भी नहीं होगी।

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