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संविधान दिवस तक एक तिहाई सजा काट चुका कोई कैदी जेल में नहीं होगा, गुजरात में बोले गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि संविधान दिवस से पहले एक तिहाई सजा काट चुके सभी कैदियों को न्याय मिले। 50वें अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन में बोलते हुए शाह ने कहा हमने अदालत अभियोजन पक्ष और पुलिस को लगभग 60 प्रावधानों से बांधा है कि वे अपना काम समय सीमा के भीतर पूरा करें।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 19 Nov 2024 08:00 PM (IST)
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। ( सभी फोटो- एएनआई)
राज्य ब्यूरो, गांधीनगर। देश में तीन नए कानून लागू होने के बाद एफआईआर दर्ज होने की तिथि से तीन वर्ष के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक से न्याय उपलब्ध होगा। आने वाला दशक भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली को दुनिया में सबसे वैज्ञानिक और सबसे तेज बना देगा। यही नहीं, आगामी संविधान दिवस यानी 26 नवंबर तक देश की जेलों में ऐसा एक भी कैदी नहीं रहेगा जो एक तिहाई सजा काट चुका होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह दावा किया।

अपराधियों से दो कदम आगे रहना होगा

राष्ट्रीय रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय एवं पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की ओर से आयोजित इस समारोह में शाह ने कहा कि देश व दुनिया के समक्ष अगले दशक में पांच क्षेत्र - साइबर क्राइम, सीमाओं से होने वाली घुसपैठ, ड्रोन, नारकोटिक्स व डार्क नेट सबसे अधिक चुनौती पूर्ण रहेंगे। कानून के रखवालों को कानून तोड़ने वालों से दो कदम आगे रहना होगा।

तीन साल में मिलेगा न्याय

शाह ने कहा कि अंग्रेजों ने 150 वर्ष पहले अपने हिसाब से कानून बनाए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने इन कानूनों में आमूल-चूल परिवर्तन कर देश के नागरिकों की सुरक्षा मुहैया करते हुए उनके संवैधानिक हकों को सुनिश्चित करने का काम किया है। पुलिस कार्रवाई से लेकर कोर्ट की प्रक्रिया को समयबद्ध किया गया है। तीन नए कानून लागू होने के बाद अब देश के नागरिकों को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उच्चतम न्यायालय तक तीन वर्ष में न्याय उपलब्ध होगा।

अमित शाह ने कहा कि हमारा प्रयास है कि एक भी कैदी अपनी सजा का एक तिहाई हिस्सा पूरा करने के बाद भी न्याय पाने से वंचित न रहे। बता दें कि तीन नए आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) इस साल एक जुलाई से लागू हुए हैं।

भारत का न्यायिक सिस्टम दुनिया में बेहतर होगा

गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा हमारा बहुत बड़ा परिवार है, उन सभी तथा इस व्यवस्था को अपग्रेड करने के लिए अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान सम्मेलन में मौजूद 250 लोगों पर बड़ी जिम्मेदारी है। अगले एक दशक में भारत का आपराधिक न्यायिक सिस्टम दुनिया में सबसे बेहतर होगा।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके फाइलों में बंद आंकड़ों का अध्ययन कर इस व्यवस्था को और सुदूढ़ बनाना होगा। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में देश आत्मनिर्भर बना है तथा देश की सीमाएं सुरक्षित हुई हैं।

शाह ने यह भी कहा

  • भाजपा सरकार के कार्यकाल में पिछले 10 साल में कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में होने वाली हिंसा में 70 प्रतिशत तक की कमी आई है।
  • भारत में 5.45 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए जो इससे पहले के एक दशक में पकडे गए ड्रग्स से छह गुना अधिक हैं।
  • भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अप्रैल, 2028 से पहले तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। एक दशक पहले 11वें नंबर पर थे।
  • भारत ने हर क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए प्रगति की है, चाहे वह अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, शिक्षा हो या अनुसंधान और विकास या फिर बुनियादी ढांचा।
  • 70,000 पुलिस स्टेशन क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम से जुड़े हैं और 22,000 अदालतें ई-कोर्ट के माध्यम से जुड़ी हुई हैं। दो करोड़ कैदियों का डाटा ई-जेल प्रणाली में है।
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