भारतीय सेना में शामिल हुआ 46-मीटर मॉड्यूलर ब्रिज, अगले 4 सालों में कुल 41 सेट किए जाएंगे शामिल; यह है इसकी खासियत
भारतीय सेना में मॉड्यूलर ब्रिज ( modular bridge ) को शामिल किया गया। नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित हुए कार्यक्रम भारतीय सेना ने मंगलवार को 46 - मीटर मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल करके अपनी ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाया है। इस मॉड्यूलर ब्रिज को डीआरडीओ ने लार्सन एंड टुब्रो के साथ मिलकर डिजाइन और विकसित किया है। अगले 4 सालों में कुल 41 सेट धीरे -धीरे शामिल किए जाएंगे।
पीटीआई, नई दिल्ली। 46-meter Modular Bridge: भारतीय सेना में मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल किया गया। मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल किए जाने से सेना को किसी भी चुनौतीपूर्ण जगहों पर अपने टैंकों को तैनात करने में आसानी होगी। साथ ही सेना के इंजीनियरों की महत्वपूर्ण ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाएगा।
नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में आयोजित हुए कार्यक्रम भारतीय सेना ने मंगलवार को 46-मीटर मॉड्यूलर ब्रिज को शामिल करके अपनी ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाया है। इस मॉड्यूलर ब्रिज को डीआरडीओ ने लार्सन एंड टुब्रो के साथ मिलकर डिजाइन और विकसित किया है। इस कार्यक्रम में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सेना, डीआरडीओ और रक्षा मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
अगले 4 सालों में कुल 41 सेट किए जाएंगे शामिल
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अगले 4 सालों में कुल 41 सेट धीरे-धीरे शामिल किए जाएंगे, जिनकी कीमत 2,585 करोड़ रुपये होगी। पहला सेट आज यानी मंगलवार को सेना में शामिल किया गया।
क्या है इस मॉड्यूलर ब्रिज की खासियत?
मॉड्यूलर ब्रिज एक मैकेनिकल रूप से लॉन्च किया गया सिंगल-स्पैन, पूरी तरह से डेक वाला 46-मीटर का असॉल्ट ब्रिज है। यह ब्रिज सेना को नहरों और खाइयों जैसी बाधाओं को आसानी से पार करने में सक्षम बनाता है।यह भारतीय सेना के इंजीनियरों की महत्वपूर्ण ब्रिजिंग क्षमता को बढ़ाएगा। ये पुल अत्यधिक मोबाइल, मजबूत हैं। यह त्वरित तैनाती और पुनर्प्राप्ति के लिए डिजाइन किए गए हैं, जो मशीनीकृत संचालन की तेज गति वाली प्रकृति के साथ संरेखित हैं।