Monsoon Session: 2023 में कितनी होगी मुसलमानों की आबादी, सरकार ने लोकसभा में दी जानकारी
स्मृति इरानी ने कहा जनसंख्या अनुमान पर तकनीकी समूह राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश की जनसंख्या 138.82 करोड़ रहने का अनुमान है। 14.2 प्रतिशत के समान अनुपात को लागू करते हुए 2023 में मुसलमानों की अनुमानित जनसंख्या 19.75 करोड़ होगी। 31 मार्च 2014 के बाद पहली बार नया घर या फ्लैट खरीदने या बनाने वाले मुस्लिम परिवारों का प्रतिशत 50.2 प्रतिशत है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sat, 22 Jul 2023 06:00 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने लोकसभा को बताया कि 2023 में भारत में मुसलमानों की अनुमानित आबादी 19.75 करोड़ रहने का अनुमान है। लोकसभा में तृणमूल सांसद माला राय के प्रश्न के लिखित उत्तर में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार मुस्लिम आबादी 17.22 करोड़ थी, जो देश की कुल आबादी का 14.2 प्रतिशत है। स्मृति इरानी ने कहा, "जनसंख्या अनुमान पर तकनीकी समूह, राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में देश की जनसंख्या 138.82 करोड़ रहने का अनुमान है। 14.2 प्रतिशत के समान अनुपात को लागू करते हुए 2023 में मुसलमानों की अनुमानित जनसंख्या 19.75 करोड़ होगी।"
नया घर या फ्लैट खरीदने या बनाने वाले मुस्लिम परिवारों का प्रतिशत 50.2 प्रतिशतउन्होंने कहा कि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आयोजित पिरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) 2021-22 के अनुसार सात वर्ष और उससे अधिक उम्र के मुसलमानों की साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। श्रम बल भागीदारी दर 35.1 प्रतिशत है। इरानी ने कहा कि 31 मार्च 2014 के बाद पहली बार नया घर या फ्लैट खरीदने या बनाने वाले मुस्लिम परिवारों का प्रतिशत 50.2 प्रतिशत है।
मुस्लिमों के पास बेहतर शौचालयमाला राय ने पूछा था कि क्या देश में 30 मई 2023 तक मुस्लिम आबादी पर कोई डाटा है, क्या पसमांदा मुसलमानों की आबादी का कोई डाटा है और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का क्या विवरण है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार 94.9 प्रतिशत मुस्लिमों को पेयजल के बेहतर स्त्रोत और 97.2 प्रतिशत मुस्लिमों के पास बेहतर शौचालय है।
पिछले पांच वर्षों में लापता हुए 2.75 लाख बच्चेकेंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पिछले पांच वर्षों में लापता हुए बच्चों की संख्या 2.75 लाख है, जिनमें 2.12 लाख लड़कियां हैं। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार इस दौरान 2,40,502 बच्चों का पता लगाया गया। मंत्रालय ने ''ट्रैकचाइल्ड पोर्टल'' विकसित किया है, जो लापता और खोजे गए बच्चों का पता लगाने में मददगार है।
20 राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों में जन्म के समय लिंग अनुपात में गिरावट महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2021-22 और 2022-23 के बीच जन्म के समय लिंग अनुपात में गिरावट दर्ज की गई है। लोकसभा में प्रश्न के उत्तर में स्मृति इरानी ने कहा कि आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा और बंगाल उन राज्यों में शामिल हैं जहां एक साल की अवधि में लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई।