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Monsoon Update: मानसून को लेकर नया अपडेट, IMD ने बताया इस बार कितनी होगी बारिश

Monsoon Update मानसून को लेकर IMD का अपडेट लोगों के लिए खुशखबरी लाया है। विभाग के अनुसार इस बार सामान्य मानसून रहने की उम्मीद है और अल नीनो की स्थिति के बावजूद इसका असर मानसून पर ज्यादा नहीं पड़ेगा।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaUpdated: Tue, 11 Apr 2023 01:24 PM (IST)
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Monsoon Update मानसून को लेकर आया नया अपडेट।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Monsoon Update मौसम विभाग ने आज एक बार फिर देश में मानसून को लेकर नया अपडेट जारी किया है। IMD का अपडेट आम लोगों और किसानों के लिए खुशखबरी लाया है। विभाग के अनुसार, इस बार सामान्य मानसून रहने की उम्मीद है और अल नीनो की स्थिति के बावजूद इसका असर मानसून पर ज्यादा नहीं पड़ेगा।

एल नीनो से खराब नहीं होगा मानसून

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मौसम विज्ञान महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि इस साल सामान्य मानसून की उम्मीद है। महापात्र ने कहा कि अल नीनो की स्थिति मानसून के मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है और इसका प्रभाव दूसरी छमाही में महसूस किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि सभी एल नीनो साल खराब मानसून वाले साल नहीं होते हैं। इसलिए इस बार भी मॉनसून के साथ अल-नीनो का सीधा संबंध नहीं होगा और सामान्य बारिश होगी। 

96 फीसदी रहेगा मानसून

मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार, भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम (जून से सितंबर तक) के दौरान सामान्य बारिश देखने को मिलेगी। मानसून इस बार 96 फीसदी (5 फीसदी की त्रुटि मार्जिन के साथ) रहेगा और देश में इस बार 87 सेमी की लंबी अवधि बारिश होगी।

पूर्वी, पूर्वोत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य बारिश

आईएमडी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य वर्षा देखने को मिलेगी। प्रायद्वीपीय क्षेत्र के कई हिस्सों यानी पूर्वी, पूर्वोत्तर क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य बारिश की संभावना जताई गई है। 

दूसरी ओर, दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, पश्चिम और मध्य क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। 

अल नीनो क्या होता है?

अल नीनो दक्षिण अमेरिका के पास प्रशांत महासागर के पानी का गर्म होना होता है। यह मानसूनी हवाओं के कमजोर होने का कारण बनता है और भारत में कम वर्षा से जुड़ा होता है। इससे समंदर का तापमान 5 डिग्री तक बढ़ जाता है और यह दुनिया के मौसम पर असर डालता है।