Monsoon Update: हीटवेव से कब मिलेगी राहत? मौसम और मानसून पर IMD ने जारी किए दो बड़े अपडेट्स
Monsoon Update उत्तर-पश्चिम भारत को दो-तीन दिनों में अधिकतम तापमान से थोड़ी राहत भले मिल जाए लेकिन जून में ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। अगले महीने भी यहां सामान्य से अधिक तापमान रह सकता है। मई में गुजरात एवं राजस्थान समेत देश के पश्चिमी हिस्से के कई स्थानों पर तापमान 45-50 डिग्री के बीच रहा है। दिल्ली पंजाब हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले भी ज्यादा गर्म रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मौसम से संबंधित दो बड़ी सूचनाएं हैं। प्रचंड गर्मी से झुलस रहे उत्तर-पश्चिम भारत को अगले दो से तीन दिनों के भीतर राहत मिल सकती है और दक्षिण में पांच दिनों के दौरान मानसून दस्तक देने जा रहा है। मौसम विभाग (आइएमडी) ने इस बार जून से सितंबर के बीच सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है। ऐसा ही पूर्वानुमान कुछ दिन पहले जारी किया गया था। इस बीच बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का खतरा अब टल गया है।
यूपी-बिहार में कब आएगा मानसून
हवा की गति धीरे-धीरे कमजोर पड़ती जा रही है, किंतु प्रभावित क्षेत्र में बारिश अगले दो से तीन दिनों तक जारी रहेगी। आइएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के चलते केरल में मानसून आने की स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। 31 मई तक मानसून केरल पहुंच सकता है। गति ऐसी ही बनी रही तो बिहार में 10 से 15 जून के बीच और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 18 से 20 जून तक मानसून का आगमन हो सकता है।
दिल्ली में कब आएगा मानसून
दिल्ली में मानसून पहुंचने का अनुमान 25 से 27 जून के बीच है। आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून से देश में 106 प्रतिशत तक बारिश हो सकती है। हालांकि विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा एक समान नहीं होगी। मध्य एवं दक्षिणी भाग में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। ये ऐसे राज्य हैं, जो कृषि के लिए वर्षा पर निर्भर हैं।मानसून सीजन में यहां होगी अधिक वर्षा
इनमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश एवं बंगाल हैं। पूर्वोत्तर राज्यों (असम, मेघालय, मिजोरम, अरुणाचल, मणिपुर, नगालैंड, सिक्किम एवं त्रिपुरा) के साथ उत्तर-पश्चिमी हिस्से में भी सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है। मानसून सीजन की पूरी बारिश की अगर पिछले वर्ष से तुलना करें तो यह लगभग 10 प्रतिशत अधिक होगी। पिछले वर्ष जून-सितंबर में देश में 94 प्रतिशत वर्षा हुई थी।
दो-तीन दिनों में प्रचंड गर्मी से राहत
प्रचंड गर्मी से झुलस रहे उत्तर-पश्चिम भारत के राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से को अगले दो-तीन दिनों में राहत मिल सकती है। राजस्थान एवं गुजरात में अरब सागर की ओर से हवा आने लगी है। दिल्ली में भी पूर्व की ओर से उमस लेकर आ रही हवा की दिशा बदल जाएगी। बुधवार से पश्चिमी हवा चलने लगेगी, जिससे उमस में कमी आ जाएगी। इसी दौरान पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पहाड़ी राज्यों में वर्षा की स्थितियां बन रही हैं। इसका असर हरियाणा एवं पंजाब समेत दिल्ली में भी होगा और एक-दो जून तक वर्षा हो सकती है।जून में भी राहत नहीं
उत्तर-पश्चिम भारत को दो-तीन दिनों में अधिकतम तापमान से थोड़ी राहत भले मिल जाए, मगर जून भी ज्यादा राहत नहीं देने जा रहा है। अगले महीने भी यहां सामान्य से अधिक तापमान रह सकता है। मई में गुजरात एवं राजस्थान समेत देश के पश्चिमी हिस्से के कई स्थानों पर तापमान 45-50 डिग्री के बीच रहा है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले भी ज्यादा गर्म रहे हैं।
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