मानसून की पहली बारिश में पानी-पानी मुंबई, कई इलाके जलमग्न; रेंग रहे वाहन तो रेल सेवाएं प्रभावित
मानसून की पहली बारिश से मुंबई पानी-पानी हो गई है। हालात ऐसे हो गए हैं कि कई जगह जलभराव की समस्या देखने को मिल रही है। वहीं, यातायात भी प्रभावित हो रखा है, रेल सेवाओं पर भी असर।
By Nancy BajpaiEdited By: Updated: Sat, 09 Jun 2018 02:25 PM (IST)
मुंबई (जेएनएन)। मानसून की पहली बारिश से मुंबई पानी-पानी हो रखा है। मूसलाधार बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है। हालात ऐसे हो गए हैं कि सड़कों पर पानी भर गया है। वाहन रेंग-रेंग कर चलने पर मजबूर हैं, तो वहीं रेल सेवाएं भी प्रभावित हो रखी हैं। पैदल चलने वालों का तो हाल और भी बुरा हो रखा है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई है। दरअसल, मौसम विभाग ने मुंबई सहित महाराष्ट्र के उत्तरी तटीय क्षेत्र में 9 से 12 जून तक तेज बारिश का पूर्वानुमान जताया था, साथ ही शनिवार को मानसून के मुंबई दस्तक देने की भी संभावना जताई थी।
मानसून की बारिश के साथ पहले से जलमग्न मुंबई की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी है। वहीं, 12 जून तक मछुआरों को कोंकण और गोवा तट पर समुद्र में उतरने को भी मना किया है। पानी-पानी हुई मुंबई, सड़कें जलमग्न
लागातार हो रही बारिश के कारण मुंबई में जलभराव की समस्या आ गई है। सड़कों पर पानी भर गया है। वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रखी है, तो पैदल चलने वालों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जलभराव के कारण गाड़ियां रेंग-रेंग कर चलने पर मजबूर हैं।
मुंबई की लाइफलाइन लोकल पर असर
बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव की समस्या देखने को मिल रही है, जिस कारण ट्रैफिक पर बुरी तरह प्रभावित हो रखा है। वहीं मुंबई की लाइफलाइन लोकल पर भी इसका असर पड़ा है। कुछ जगहों पर लोकल ट्रेनें 10 से 12 मिनट की देरी से चल रही हैं, जिससे लोगों को मुश्किल उठानी पड़ रही है। वहीं, छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कई विमान सेवाओं को भी डायवर्ट करना पड़ा है।वहीं, सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि मुंबई लोकल की सेंट्रल लाइन पर लोकल ट्रेनें 10 से 12 मिनट की देरी से चल रही हैं। हालांकि अब तक किसी लोकल को रद नहीं किया गया।
मुंबई के मरीन ड्राइव की ये तस्वीर देखिए, कैसे बारिश के कारण हमेशा लोगों से भरा रहने वाला मरीन ड्राइव खाली पड़ा है। 10 जून तक बारिश बढ़ने की आशंका
मौसम विभाग के अनुसार, तटीय राज्य कर्नाटक, गोवा और दक्षिण महाराष्ट्र में 10 जून तक बारिश की गतिविधि बढ़ने की आशंका है। वहीं, शनिवार को मुंबई समेत उत्तर तटीय महाराष्ट्र में मानसून के पहुंचने की प्रबल संभावना है। हालांकि इन क्षेत्रों में 12 जून से बारिश में कमी आ सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने 8 से 12 जून के बीच गोवा और कोंकण के तटीय क्षेत्र में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा बहने की चेतावनी जारी की। बता दें कि मूसलाधार बारिश के कारण मुंबई के कई इलाके जलमग्न हो गए। लोगों का घरों से निकला मुश्किल हो गया है, तो वहीं सड़कों पर घुटने तक पानी भर गया है।तो क्या 2015 का रिकॉर्ड टूटेगा!
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार अगर इस सप्ताहांत में मुंबई में बारिश ऐसी ही होती रही, तो यह हाल के वर्षों में जून के महीने में 24 घंटे में होने वाली सबसे भयंकर बारिश का रिकॉर्ड दर्ज करेगी। चार साल पहले 2015 में जून के महीने में 200 मिमी बारिश हुई, 19 जून को सबसे अधिक 283.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो उस साल का सबसे उच्चतम वर्षा का रिकॉर्ड था। हालांकि मुंबई में 1991 में जून के महीने में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई थी, उस दौरान 399 मिमी बारिश हुई थी।
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मौसम विभाग के अनुसार, तटीय राज्य कर्नाटक, गोवा और दक्षिण महाराष्ट्र में 10 जून तक बारिश की गतिविधि बढ़ने की आशंका है। वहीं, शनिवार को मुंबई समेत उत्तर तटीय महाराष्ट्र में मानसून के पहुंचने की प्रबल संभावना है। हालांकि इन क्षेत्रों में 12 जून से बारिश में कमी आ सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने 8 से 12 जून के बीच गोवा और कोंकण के तटीय क्षेत्र में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा बहने की चेतावनी जारी की। बता दें कि मूसलाधार बारिश के कारण मुंबई के कई इलाके जलमग्न हो गए। लोगों का घरों से निकला मुश्किल हो गया है, तो वहीं सड़कों पर घुटने तक पानी भर गया है।तो क्या 2015 का रिकॉर्ड टूटेगा!
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार अगर इस सप्ताहांत में मुंबई में बारिश ऐसी ही होती रही, तो यह हाल के वर्षों में जून के महीने में 24 घंटे में होने वाली सबसे भयंकर बारिश का रिकॉर्ड दर्ज करेगी। चार साल पहले 2015 में जून के महीने में 200 मिमी बारिश हुई, 19 जून को सबसे अधिक 283.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो उस साल का सबसे उच्चतम वर्षा का रिकॉर्ड था। हालांकि मुंबई में 1991 में जून के महीने में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई थी, उस दौरान 399 मिमी बारिश हुई थी।