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छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में काटे जाएंगे 2.73 लाख से अधिक पेड़, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने राज्यसभा को दी जानकारी

छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य वन में लगातार पेड़ों की कटाई जारी है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा को बताया कि आने वाले सालों में 2.73 लाख से अधिक पेड़ और काटे जाएंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि इससे पहले भी करीब 95000 पेड़ काटे गए हैं। बताया गया कि पेड़ों की कटाई हसदेव अरण्य वन में कोयला खनन के लिए किया जा रहा है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 25 Jul 2024 10:35 PM (IST)
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य वन में कोयला खनन के लिए करीब 95,000 पेड़ काटे गए हैं। आने वाले वर्षों में 2.73 लाख से अधिक पेड़ और काटे जाएंगे। एक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के अनुसार परसा ईस्ट केंते बासेन माइन (पीईकेबी) में 94,460 पेड़ काटे गए हैं।

नुकसान की भरपाई कुल 53,40,586 पेड़ लगाए गए हैं। नए लगाए गए पेड़ों में से 40,93,395 पेड़ बच गए हैं। आने वाले वर्षों में हसदेव अरण्य में 2,73,757 और पेड़ों को काटना होगा।

1,70,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है हसदेव अरण्य

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हसदेव अरण्य 1,70,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है और देश की राजधानी दिल्ली से भी बड़ा है।

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