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बुखार की पैरासिटामोल ही नहीं, शुगर-बीपी की ये दवाएं भी जांच में फेल; इस्तेमाल से पहले देखें पूरी सूची

बुखार समेत कई बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं गुणवत्ता जांच में टिक नहीं सकी। अगर आप भी इन दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइये। बच्चों की भी दवाओं को जांच में सही नहीं पाया गया है। शुगर और बीपी की दवाएं भी फेल साबित हुईं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने इन दवाओं की सूची साझा की है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Thu, 26 Sep 2024 03:27 PM (IST)
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जांच में 50 से अधिक दवाएं फेल। (सांकेतिक फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पैरासिटामोल और पैन डी समेत 50 से अधिक दवाइयां गुणवत्ता जांच में फेल साबित हुईं। इन दवाओं को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाया गया है। इसका खुलासा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की हालिया मासिक रिपोर्ट में हुआ। ऐसे में बुखार और ब्लड प्रेशर समेत कई बिमारियों में काम आने वाली इन दवाओं ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।

गुणवत्ता जांच में पैरासिटामोल, विटामिन डी, कैल्शियम सप्लीमेंट, हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह की कई दवाइयां फेल साबित हुईं। बच्चों में इस्तेमाल होने वाली दवा सेपोडेम एक्सपी 50 ड्राई सस्पेंशन भी जांच में सही नहीं मिली।

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ये दवाएं जांच में फेल

  • विटामिन सी और डी 3 टैबलेट शेल्कल।
  • विटामिन बी कॉम्प्लेक्स व विटामिन सी सॉफ्टजेल।
  • एंटी-एसिड पैन-डी।
  • पैरासिटामोल टैबलेट (आईपी 500 मिलीग्राम)।
  • मधुमेह की दवा ग्लिमेपिराइड।
  • ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन।
  • मेट्रोनिडाजोल।
  • फ्लुकोनाजोल।
  • डिक्लोफेनेक। (यहां क्लिक करके पूरी सूची देखें)

156 एफसीडी दवाओं पर केंद्र लगा चुका बैन

केंद्र सरकार इससे पहले बुखार, जुकाम, एलर्जी और दर्द में इस्तेमाल की जाने वाली 156 एफडीसी दवाओं पर प्रतिबंध लगा चुकी है। सरकार का कहना है कि इन दवाओं का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। दो या दो से अधिक दवाओं के अनुपात से मिलकर बनने वाली दवाओं को एफडीसी कहते हैं। सरकार ने पैरासिटामोल, ट्रामाडोल, टारिन व कैफीन के संयोजन पर भी बैन लगा दिया है।

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