दो साल में ही खुल गए सवा लाख प्री-प्राइमरी स्कूल, बंगाल में सबसे ज्यादा 46 हजार खुले प्री-प्राइमरी स्कूल, अन्य राज्यों में भी तेजी
एनईपी के तेजी से अमल को लेकर यह रिपोर्ट हाल ही में संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने पेश किया है। इसमें बताया है कि एनईपी आने के बाद देश में अब तक 1.19 लाख से ज्यादा प्री-प्राइमरी स्कूल खोले जा चुके हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों का अब सभी राज्यों में तेजी से अमल दिखने लगा है। दो साल के भीतर ही देश में सवा लाख से ज्यादा प्री-प्राइमरी या बालवाटिका (एनईपी में प्री-प्राइमरी स्कूलों को यही नाम दिया गया है) खुल गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा करीब 46 हजार प्री-प्राइमरी स्कूल बंगाल में खोले गए हैं, वहीं दूसरे राज्यों में भी तेजी से इनका खुलना शुरू हो गया है।
बंगाल में इसे लेकर गठित की गई उच्च स्तरीय कमेटी
खासबात यह है कि बंगाल वहीं राज्य है, जिसने गुरुवार को एनईपी से हटकर अपनी अलग शिक्षा नीति लाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। बंगाल में इसे लेकर एक उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की गई है। हालांकि, बंगाल को छोड़ दें तो बाकी के सभी राज्य एनईपी की सिफारिशों पर ही आगे बढ़ रहे है।
जल्द ही और स्कूलों को खोलने की योजना
एनईपी के तेजी से अमल को लेकर यह रिपोर्ट हाल ही में संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने पेश किया है। इसमें बताया है कि एनईपी आने के बाद देश में अब तक 1.19 लाख से ज्यादा प्री-प्राइमरी स्कूल खोले जा चुके हैं। जल्द ही और स्कूलों को खोलने की योजना है। इसके तहत सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन स्कूलों का खुलना शुरू हो गया है।
राजस्थान में स्कूल खुल चुके लगभग 473 प्री-प्राइमरी
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब तक 1,375, बिहार में 149, झारखंड में 14,542, जम्मू-कश्मीर में 11,404, पंजाब में 5,010 और राजस्थान में लगभग 473 प्री-प्राइमरी स्कूल खुल चुके हैं। गौरतलब है कि इन प्री-प्राइमरी स्कूलों में पीएम पोषण स्कीम के तहत बच्चों को भोजन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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