World Bank Report: देश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का पुरुष और महिलाओं में कौन करता है अधिक इस्तेमाल, जानें यहां
महिलाएं भारतीय शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने में सबसे आगे हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में ये बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 84% महिलाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आवागमन करती हैं और पुरुष और महिलाओं के हर दिन यात्रा करने का क्या पैटर्न है इसका भी उल्लेख है।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sun, 11 Dec 2022 12:44 PM (IST)
नई दिल्ली। पुरुषों के मुकाबले महिलाएं शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने में सबसे आगे हैं। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में ये बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 84 फीसदी महिलाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट से आवागमन करती हैं।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट 'एनेबलिंग जेंडर रेस्पॉन्सिव अर्बन मोबिलिटी एंड पब्लिक स्पेसेज इन इंडिया' में बताया गया है कि पुरुष और महिलाओं के हर दिन यात्रा करने का क्या पैटर्न है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 45.4 फीसदी महिलाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर हर दिन काम पर जाती हैं, जहां 27.4 प्रतिशत पुरूष ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करते हैं।
महिलाएं सस्ते विकल्प पर देती हैं ध्यान
वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएं यात्रा करने के दौरान सस्ते विकल्प पर ज्यादा ध्यान देती हैं, इसलिए वह अक्सर बस से ट्रैवल करती हैं। वहीं महिलाएं धीरे चलने वाले वाहनों में ट्रैवल करना पसंद करती हैं क्योंकि तेज चलने वाले वाहन अधिक किराया वसूल करते हैं। इसके अलावा सुरक्षा कारणों से पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाएं ट्रैवल करने से बचती हैं और इसलिए महिलाएं कम ही जगहों पर दिखाई देती हैं।रिपोर्ट को मुंबई में 6,048 महिलाओं से पूछे गए जवाबों के आधार पर 2019 विश्व बैंक के सर्वे की मदद से डिज़ाइन किया गया है। उस सर्वे में पाया गया था कि 2004 और 2019 के बीच पुरुषों ने काम पर जाने के लिए दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल किया, जबकि महिलाओं ने ऑटो-रिक्शा या टैक्सी का इस्तेमाल किया।इसमें व्यावहारिक उपकरण शामिल हैं जो भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षित और सार्वजनिक स्थानों और सार्वजनिक परिवहन को सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए नीति निर्माताओं के साथ-साथ निजी या समुदाय-आधारित संगठनों की एक विस्तृत श्रृंखला को सूचित कर सकते हैं।
2019-20 में कम था महिला श्रम बल का प्रतिशत
विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को परंपरागत रूप से महिलाओं की सुरक्षा और उनकी विशिष्ट यात्रा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन नहीं किया गया है। यह काम, शिक्षा और जीवन विकल्पों तक उनकी पहुंच को गंभीर रूप से सीमित कर देता है। भारत में 2019-20 में 22.8 प्रतिशत के साथ विश्व स्तर पर सबसे कम महिला श्रम बल भागीदारी दर थी।
रिपोर्ट में परिवहन और सार्वजनिक स्थानों में कई तरह की दिक्कतों की बात भी सामने आई है, जिसमें पर्याप्त स्ट्रीटलाइटिंग, चलने और साइकिल चलाने के लिए बेहतर ट्रैक शामिल हैं, जो विशेष रूप से उन महिलाओं को लाभान्वित करते हैं जो अधिकांश समय गैर-मोटर चालित परिवहन का उपयोग करती हैं।रिपोर्ट में कहा गया है कि कम किराया नीतियां बनाने से महिलाओं और अन्य लिंग के व्यक्तियों के लिए सवारियां बढ़ सकती हैं। एक मजबूत शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करने से यौन उत्पीड़न की शिकायतों को तेजी से ट्रैक करने में मदद मिल सकती है।