Online Gaming: विदेश में मौजूद गेमिंग प्लेटफॉर्म पर सरकार कसेगी नकेल, जीएसटी कानून में किए जाएंगे बदलाव
वित्त मंत्रालय ने कहा कि करों का भुगतान नहीं करने वाले विदेश में स्थित गेमिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जीएसटी कानून में पर्याप्त प्रविधान हैं। उन्होंने राज्यसभा को बताया कि गेमिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ी कंपनियों से इस तरह के आग्रह प्राप्त हुए हैं कि अगर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले को बरकरार रखा जाता है तो उपभोक्ता विदेश में स्थित गेमिंग प्लेटफॉर्म की तरफ आकर्षित होंगे।
डेटेड सिक्यूरिटीज जारी करके 5.77 लाख करोड़ रुपये जुटाए
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 2023-24 में विभिन्न स्त्रोतों से 17.99 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण जुटाने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, ''यह राशि 45.03 लाख करोड़ रुपये केंद्रीय बजट का लगभग 40 प्रतिशत है।'' सरकार ने चालू वित्त वर्ष में दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से 15.4 लाख करोड़ रुपये का उधार लेगी। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में लिए कुल कर्ज 14.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 31 जुलाई तक दिनांकित प्रतिभूतियां (डेटेड सिक्यूरिटीज) जारी करके 5.77 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसी अवधि में इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से 4.18 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध राशि जुटाई गई। सरकार विभिन्न स्त्रोतों के माध्यम से उधारी जुटाती है, जिसमें दिनांकित प्रतिभूतियां, ट्रेजरी बिल, वाह्य ऋण और राज्य भविष्य निधि शामिल हैं।
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विलफुल डिफॉल्टरों पर बैंकों को 87,295 करोड़ रुपये बकाया
शीर्ष विलफुल डिफॉल्टरों और उन पर बकायावित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि गीतांजलि जेम्स लिमिटेड, एरा इन्फ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड, आरईआइ एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड सहित शीर्ष 50 विलफुल डिफॉल्टरों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों का 87,295 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंन कहा कि शीर्ष 10 विलफुल डिफॉल्टरों (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले) पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का 40,825 करोड़ रुपये बकाया है। उन्होंने कहा कि एससीबी ने पिछले पांच वित्त वर्ष के दौरान कुल 10,57,326 करोड़ रुपये की राशि बट्टे खाते में डाली है।
- गीतांजलि जेम्स- 8,738 करोड़ रुपये
- एरा इन्फ्रा इंजीनियरिंग- 5,750 करोड़ रुपये
- आरइआई एग्रो- 5,148 करोड़ रुपये
- एबीजी शिपयार्ड 4,774 करोड़ रुपये
- कानकास्ट स्टील एंड पावर- 3,911 करोड़ रुपये
- रोटोमैक ग्लोबल- 2,894 करोड़ रुपये
- विनसम डायमंड्स एंड ज्वैलरी लिमिटेड- 2,846 करोड़ रुपये
- फ्रास्ट इंटरनेशनल लिमिटेड- 2,518 करोड़ रुपये
- श्री लक्ष्मी काटसिन लिमिटेड- 2,180 करोड़ रुपये
- डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड- 2,066 करोड़ रुपये